केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने वार अगेंस्ट कैंसर मुहिम की शुरुआत की
सिटी पोस्ट लाइव : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर से वार अगेंस्ट कैंसर मुहिम की शुरुआत की है। वे शनिवार को न्यू इलेक्टा लीनियर अक्सेरोटरी-एसआरहच फ्री पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी वार्ड के उद्घाटन के मौके पर मुख्यातिथि के रूप में कोयंबटूर उपस्थित थे। जहां उन्होंने इस अभियान की शुरुआत की। समाजिक संगठनों को इस कार्य में आगे आने का आह्वान किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि जिनोमिक स्तर पर कैंसर से निपटना है। यदि बात करें कैंसर जीनोमिक्स की तो राष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाली यह अपनी तरह की पहली ओर एक अद्वितीय सुविधा है। जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IITM), चेन्नई में स्थापित किया जाएगा। कैंसर बीमारी पर काबू पाने के लिए दी जाने वाली यह सुविधा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और आईआईटी मद्रास, चेन्नई के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
जीनोमिक सुविधा का मुख्य फोकस भारत के विशिष्ट कैंसर जीनोम डेटा बेस की स्थापना के लिए राष्ट्रीय कैंसर ऊतक बायोबैंक (एनसीटीबी), आईआईटी मद्रास में उपलब्ध कैंसर ऊतक के नमूनों के लिए पूरे एक्सोम और आरएनए अनुक्रमण करना है।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने चेन्नई में वैज्ञानिकों और टीम से मिला था। मुझ पूर्ण विश्वास है कि यह डेटाबेस उपयुक्त दवा लक्ष्यों की पहचान और प्रभावी “व्यक्तिगत उपचार” के लिए बायोमार्कर के साथ कम साइड इफेक्ट और जल्दी पता लगाने के साथ—साथ कैंसर के बेहतर प्रबंधन में मददगार साबित होगा।
राष्ट्रीय कैंसर ऊतक बायोबैंक (एनसीटीबी), IIT मद्रास में कैंसर ऊतक के नमूनों को इकट्ठा करने के लिए अपनी कुछ नीतियां और प्रक्रियाएं हैं। बायोबैंक के पास 50,000 ऊतकों के नमूनों को इकट्ठा करने के लिए एक बुनियादी ढांचा है। और यह कैंसर शोधकर्ताओं के लिए सुलभ होगा जो नमूनों तक पहुँचने के लिए आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
कर्क रोग का वास्तविक कीमत पैसो से कही ऊपर या बढ़कर है. कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही चाहे आर्थिक रूप से संपन्न परिवार को या फिर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार वे इस का नाम सुनते ही ऐसा लगता हो कि उनके ऊपर वज्रपात हो गया हो। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि एक आम आदमी को कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का इलाज कराने के लिए हमारी सरकार ने आयुष्मान भारत जैसी योजना शुरु की है। जिसका बड़ी संख्या में लोंगों को लाभ मिल रहा है। हालांकि सरकार के इस प्रयास के साथ कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए स्वयंसेवी संगठनों तथा निजी क्षेत्र सहित समाज के सभी वर्गों की सक्रियता की आवश्यकता है।
समाज को स्वस्थ और निरोगी बनाने की दिशा में आप लोग जिस तरह सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने का प्रयास श्री रामकृष्ण हॉस्पिटल कर रहे हैं, उसके बेहतर परिणाम दिखने लगे है अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग में एक बाल चिकित्सा कैंसर वार्ड चला रहे हैं जो कि पूरी तरह से नि:शुल्क है। इसमें समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों में से आने वाले कैंसर प्रभावित बच्चों के लिए आवास, भोजन, दवाएं और डॉक्टरों के परामर्श पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है। और अब रोटरी इंटरनेशनल और रोटरी डिस्ट्रिक्ट ३२०१ के साझेदारी के सहयोग से बहुत सारे वंचित बच्चों के इलाज में सहायता होगी । उन्होंने वार्ड का भ्रमण किया। बच्चों से भी मुलाकात की।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि हमारे देश में वैलनेस टूरिज्म का कांसेप्ट आए जहां पर स्वास्थ्य मंत्रालय और टूरिज्म मिनिस्ट्री मिलकर काम करें। इस बारे में गहनता पूर्वक सोच रहा हूं। हमारे देश में ऐसी बहुत सारे जगह हैं जो प्राकृतिक रूप से अत्यंत सुंदर हैं और वहां पर ट्रेडिशनल प्रैक्टिस जैसे योगा, नेचुरोपैथी और एक्युप्रेशर भी किया जाता है। हेल्थ मिनिस्ट्री खुद भी इस तरह के वैलनेस सेंटर्स की शुरुआत पूरे हिंदुस्तान में कर रहा है। सामाजिक संगठनों के लिए भी इस तरह के कार्यक्रमों के लिए आगे आने की आवश्यकता है । वैलनेस टूरिज्म से ना सिर्फ हमारे इकोनामी को मजबूती मिलेगी बल्कि लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और हमारी जो पुरानी चिकित्सा पद्धति है । हमारी जो मान्यताएं हैं वह और भी ज्यादा विकसित होंगी। एडवांस होंगी और भी ज्यादा लोगों तक उसका लाभ पहुंचेगा।