प्रतापगढ़ में नम आंखों के बीच शहीद अनूप का हुआ अंतिम संस्कार
सिटी पोस्ट लाइव, प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ के मान्धाता थाना क्षेत्र के बेलखरी गांव के दारोगा अनूप सिंह का पार्थिव शरीर देर रात गांव लाया गया। शनिवार गांव की ही बेलखरी बाग में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को फायरिंग कर सलामी दी गई।शहीद दारोगा के अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि, पुलिस और प्रशासन के अफसर गांव पहुंचे। शहीद को विधायक डॉ. आर.के वर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह, सीडीओ डॉ. अमित पाल शर्मा ने कंधा दिया। दारोगा के पिता रमेश बहादुर सिंह ने बेटे की चिता को मुखाग्नि दी।
कानपुर में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए बेल्हा के अनूप सिंह की दारोगा के पद पर पहली तैनाती कानपुर में 2017 में हुई थी। 2004 में कांस्टेबल पद पर उनका चयन हुआ था। तीन माह पहले मां की तबियत खराब होने पर उन्हें देखने घर आए थे। मानधाता थाना क्षेत्र के बेलखरी गांव निवासी दारोगा अनूप कुमार सिंह ने पुलिस विभाग में भर्ती होने के बाद 10 वर्ष प्रयागराज में नौकरी की थी। अनूप 2015 बैच के दारोगा थे। प्रयागराज में रही पत्नी से शहीद अनूप की गुरुवार रात फोन पर हुई बात के दौरान बोले थे कि एक-दो दिन में घर आऊंगा। अनूप के आने से पहले उनके शहादत की सूचना घर आ गई। बेलखरी निवासी दारोगा अनूप कुमार सिंह के पिता रमेश बहादुर सिंह रेलवे में फिटर पद पर लुधियाना में तैनात थे। 2014 में रिटायर हुए थे, तब से घर पर रहकर खेती बारी कर रहे हैं।
अनूप तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। बड़े भाई आलोक सिंह हंडिया में मामा के घर रहकर मेडिकल स्टोर का संचालन करते हैं। जबकि सबसे छोटा भाई अनुज सिंह घर पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ स्टेट बैंक से ग्राहकों का स्वास्थ्य बीमा भी करता है। अनूप की शादी 13 साल पहले सुल्तानपुर जिले में हुई थी। शहीद अनूप सिंह ने बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रयागराज शहर के अल्लापुर में किराए पर मकान ले रखा था। वहां पत्नी नीतू सिंह बेटी गौरी व बेटे श्रेयांस के साथ रहती है। बेटी सेंट मैरी स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा है। जबकि बेटा अभी घर के पास एक कोचिंग सेंटर में शुरुआती शिक्षा ग्रहण कर रहा है।