भारत को पूरी दुनिया में खेल मंच पर सर्वोपरि बनायें : मोहन भागवत

City Post Live

भारत को पूरी दुनिया में खेल मंच पर सर्वोपरि बनायें : मोहन भागवत

सिटी पोस्ट लाइव, धनबाद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज यहां कहा कि एकता, सामूहिकता और परस्पर भाव से ही देश में खेल संस्कृति का विकास होगा। पूरी दुनिया में खेल के मंच पर भारत को सर्वोपरि बनाने की हिमायत करते हुए कहा कि जैसे सैनिकों का लोहा माना जाता है, वैसे ही खिलाड़ियों का भी दुनिया में लोहा माना जाता है। खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले देश का दुनिया लोहा मानती है। खेल के क्षेत्र में भारत का वर्चस्व स्थापित होगा तो दुनिया हमारा लोहा मानेगी। संघ प्रमुख रविवार को धनबाद में क्रीड़ा भारती के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन पर खुले सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खेल सिर्फ व्यक्तिगत जीवन पर ही प्रभाव नहीं डालता, बल्कि राष्ट्रीय जीवन और अंतरराष्ट्रीय जगत को भी प्रभावित करता है। खेल के क्षेत्र में व्यापक प्रतिस्पर्धा होती है। इससे शारीरिक और मानसिक क्षमता का बेहतर प्रदर्शन होता है। प्रतिस्पर्धा में आगे रहने वालों का सभी लोहा मानते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे सेना के बल पर दुनिया में महत्व मिलता है, उसी तरह खेल से भी महत्व मिलता है। इस बात को यूरोप और अमेरिका के देश अच्छी तरह से जानते हैं। यही कारण है कि वे खेल में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका और यूरोप की देखा-देखी चीन भी खेल के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
संघ प्रमुख ने भारत के हर गांव में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि खेल का वैभव बढ़ाने और व्यक्तित्व विकास के लिए वे अपने बच्चों को क्रीड़ा भारती के केंद्रों पर भेजें। खेल के मैदान में बच्चे जाति और धर्म से ऊपर उठकर खेलते हैं। इससे सामाजिक समरसता मजबूत होती है और बच्चों में एकता व सामूहिकता का बोध होता है। उन्होंने सफल खिलाड़ियों से अपने साथियों को लेकर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि जो खिलाड़ी आगे बढ़ गये हैं, उनका भी समाज के प्रति दायित्व है। वे अपने पीछे छूटे खिलाड़ियों को साथ लेकर चलें और उन्हें आगे बढ़ायें।
नि:स्वार्थ भावना से राष्ट्र की सेवा करने वाला एकमात्र गैर राजनीतिक संगठन है आरएसएस : रघुवर दास
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने संबोधन में संघ प्रमुख के विरोध करने वाले राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि हताश सत्ताकांक्षी और राजनीतिक दल ही आरएसएस का विरोध करते हैं और विपरीत अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं। मुख्यमंत्री रविवार को मेगा स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन के खुला सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने संघ का विरोध करने वाले राजनीतिज्ञों और राजनीतिक दलों की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि आरएसएस नि:स्वार्थ भावना से राष्ट्र की सेवा करने वाला एकमात्र गैर राजनीतिक संगठन है।

Share This Article