बेगूसराय : कन्हैया कुमार ने लोगों से स्थानीय मसलों और समस्याओं पर सुझाव मांगा
सिटी पोस्ट लाइव : आज कन्हैया कुमार ने बेगूसराय के कपसिया चौक, पचगच्छा गिरदी टोला, शांति चौक वागी, पंडु साह चौक, आनंदपुर, पनहास, लोहियानगर, खातोपुर चौक, नौलखा, सर्वोदयनगर, वी.पी. स्कूल, हेमरा चौक, रतनपुर धर्मशाला, प्रमिला चौक, तेलिया पोखर, हर हर महादेव चौक आदि में रोड शो के माध्यम से जनता से संवाद स्थापित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर रोजगार और शिक्षा जैसे मसलों की अनदेखी करते हुए वोट के लिए लोकतंत्र पर चोट करके सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने चुनावी सभा में राहुल गांधी के वायनाड में चुनाव लड़ने को हिंदुओं के गुस्से से बचने की कोशिश बताकर संविधान के मूल्यों पर चोट की है।
कन्हैया कुमार ने आगे कहा कि आज जब मिड-डे मील की महिलाकर्मियों को 37 रुपये के दैनिक मेहनताने से अपने परिवार का खर्च चलाना पड़ रहा है तब हिंदू-मुस्लिम विवाद को भड़काने वाले बयान देने वाले लोग जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया और सरकार बनाने के बाद नोटबंदी जैसा कदम उठाकर उन लोगों का भी रोजगार छीन लिया जो कड़ी मेहनत करके घर का चूल्हा जला रहे थे। जहाँ नोटबंदी के कारण कई लोगों की जान चली गई, वहीं भाजपा की तिजोरी में पैसे की बरसात हो गई।
कन्हैया ने बेगूसराय की जनता से संवाद करते हुए उनसे स्थानीय मसलों और समस्याओं से जुड़ी सलाह देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं को केवल चुनाव के समय बेगूसराय की याद आती है वे यहां की स्थानीय समस्याओं को कभी नहीं सुलझा सकते। भाजपा ने न तो बेगूसराय के औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया और न ही यहां के किसान-मजदूरों की मांगों पर ध्यान दिया। बेगूसराय में एक भी विश्वविद्यालय नहीं है जिसकी वजह से यहाँ के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए आस-पास के जिलों या महानगरों का रुख करना पड़ता है।
दिनकर की धरती के तौर पर जाने जाने वाले बेगूसराय में आज शिक्षा की दुर्दशा के लिए सरकार की दिशाहीन नीतियां जिम्मेदार हैं। चिकित्सा के मामले में भी बेगूसराय की स्थिति ठीक नहीं है। यहां लंबे समय से एम्स की स्थापना की मांग की जा रही है लेकिन न तो यह मांग मानी गई और न ही यहां के सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने की मांग पर ध्यान दिया गया। रोजाना की जिंदगी से जुड़े इन मसलों पर युवाओं ने कन्हैया कुमार के साथ पूरे उत्साह के साथ संवाद स्थापित किया। कन्हैया ने कहा कि कि जब तक युवा स्थानीय या राष्ट्रीय मसलों पर खुलकर अपनी बात रखते हुए सार्थक हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करेंगे तब तक समाज में सार्थक बदलाव नहीं आ सकता।
बेगूसराय से सुमित कुमार की रिपोर्ट
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