सरकार के लॉलीपॉप से भी घाटे से नहीं उबरे झारखंड के स्टील प्लांट

City Post Live

सरकार के लॉलीपॉप से भी घाटे से नहीं उबरे झारखंड के स्टील प्लांट

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: झारखंड स्टील फर्नेस एसोसिएशन को अपने आंदोलन से भी कोई खास राहत नहीं मिली है। एसोसिएशन के सदस्यों ने डेढ़ महीने से अपना प्लांट बंद रखा है लेकिन रघुवर सरकार ने उनके इस आत्मघाती आंदोलन के बदले सिर्फ 1.25 रुपये का लॉलीपॉप थमा दिया। पूरे झारखंड में बिजली दर में की गई बढ़ोतरी के बाद झारखंड स्टील फर्नेस एसोसिएशन जुलाई महीने से आंदोलन कर रहा है। अप्रैल 2019 में सरकार ने झारखंड विद्युत वितरण निगम का कमर्शियल रेट 5.50 रुपये कर दिया था। जबकि डीवीसी ने अपना विद्युत दर 2.95 रुपये ही रखा। बिजली दर में इस असमानता की वजह से झारखंड बिजली विद्युत वितरण निगम के ग्राहकों को प्रति महीने लगभग 40 लाख का घाटा होने लगा। स्टील प्लांट के मालिक इस घाटे से बर्बाद होने के बजाए सीधे मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिले लेकिन बात नहीं बनी। एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि जब पूरे झारखंड में प्लांट 1 महीने तक बंद रहा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिजली दर में 1. 25 रुपये का सब्सिडी देना तय किया। इस सब्सिडी से प्लांट मालिकों को कोई लाभ नहीं है। बिजली विभाग का साढ़े 5 रुपये प्रति यूनिट का दर टैक्स लेकर 6.05 रुपए हो जाता है। 1. 25 रुपये की सब्सिडी के बाद भी झारखंड विद्युत वितरण निगम के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 4. 80 रुपए का भुगतान करना होगा। यह दर अभी भी दामोदर वैली कारपोरेशन के दर से 1. 85 रुपये अधिक है। सरकार का यह सब्सिडी वाला कदम सिर्फ नवम्बर महीने तक है। सरकार ने यह कदम सिर्फ चुनाव को देखकर उठाया है। वह सिर्फ इस मुद्दे को दबाना चाहती है। इस वजह से उन्होंने कोई ठोस पहल नहीं की। मात्र 3 महीने का ग्रेस पीरियड और सब्सिडी उन्होंने तय किया है। ऐसे में अब हमें सरकार से कोई उम्मीद नहीं है।
पांच प्लांट मालिकों ने डीवीसी में किया अप्लाई, एक ने लगाया पावर प्लांट
झारखंड स्टील फर्नेस एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि अब हम अपने दम पर अपना प्लांट चलाएंगे। सरकार ने न व्यापारियों का भरोसा जीता है, न ही यहां के मजदूरों के प्रति कोई सहानुभूति रखते हैं। उन्होंने बताया कि पांच प्लांट मालिकों ने झारखंड बिजली विद्युत वितरण निगम से अपना कनेक्शन हटाकर दामोदर वैली कार्पोरेशन से बिजली लेने के लिए अप्लाई कर दिया है। एक प्लांट ने तो अपना पावर प्लांट ही लगा लिया है। उन्होंने बताया कि वैष्णवी फेरो टेक, ग्लोब स्टील एंड एलॉय, नानक फेरोएलॉय, मथुरा इंगोट, राधा कास्टिंग ने डीवीसी में अप्लाई किया है। चिंतपूर्णी स्टील ने तो 20 मेगावाट का पवार प्लांट ही लगा लिया है। सितंबर महीने के अंत तक 10 मेगा वाट बिजली उत्पादन इस प्लांट में होने लगेगा। जबकि मार्च 2020 तक शेष 10 मेगावाट का भी उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस प्लांट को 18 मेगावाट बिजली की जरूरत है।
Share This Article