झारखंड में महिला अपराध से संबंधित मामलों में आयी है कमी : एडीजी

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झारखंड में महिला अपराध से संबंधित मामलों में आयी है कमी : एडीजी

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड राज्य में महिला से संबंधित डायन हत्या, अपहरण, छेड़खानी, महिला प्रताड़ना दहेज हत्या, नारी हत्या और दुष्कर्म के मामलों में काफी कमी आयी है। यह बात मंगलवार को अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) मुख्यालय में एडीजी अजय कुमार सिंह ने प्रेस कांफ्रेस में कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 व वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में बलात्कार, नारी हत्या, दहेज हत्या, दहेज अधिनियम, महिला प्रताड़ना, छेड़खानी, अपहरण, डायन प्रथा एवं डायन अधिनियम के मामलों में कमी आयी हैं। वर्ष 2016 में डायन अधिनियम के 688, वर्ष 2017 में 668 और वर्ष 2018 में 481 कांड दर्ज किये गये हैं। जबकि वर्ष 2016 में डायन हत्या के 39, वर्ष 2017में 42 और वर्ष 2018 में 22 मामले सामने आये है। वर्ष 2016 में 1117, वर्ष 2017 में 1276 और वर्ष 2018 में 821 मामले दर्ज किये गये है। एडीजी ने बताया कि वर्ष 2016 में महिला से छेड़खानी के 373, वर्ष 2017 में 298 और वर्ष 2018 में 268 मामले दर्ज किये गये है। जबकि वर्ष 2016 में महिला प्रताड़ना के 1144, वर्ष 2017 में 927 और वर्ष 2018 में 728 मामले दर्ज किये गये हैं। वर्ष 2016 में दहेज अधिनियम के 1347, वर्ष 2017 में 1408 और वर्ष 2018 में 1150 मामले सामने आये है। दहेज हत्या के मामले में वर्ष 2016 में 285, वर्ष 2017 में 266 और वर्ष 2018 में 228 मामले दर्ज किये गये है। नारी हत्या के वर्ष 2016 में 418, वर्ष 2017 में 506 और वर्ष 2018 में 425 मामले सामने आये है। इसी प्रकार वर्ष 2016 में बलात्कार के 1087, वर्ष 2017 में 1322 और वर्ष 2018 में 1006 मामले दर्ज किये गये है। जो पिछले तीन वर्ष की तुलना में काफी कम है।
279 अभियुक्त 2018 में हुए गिरफ्तार 
एडीजी ने बताया कि मादक द्रव्य के वर्ष 2016 में 140 मामले, वर्ष 2017 में 186 मामले जबकि वर्ष 2018 में 221 कांड प्रतिवेदित हुए है। वर्ष 2016 में 154, वर्ष 2017 में 165 एवं वर्ष 2018 में 279 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। वर्ष 2016 में 927.46 किलो, वर्ष 2017 में 678.42 किलो और वर्ष 2018 में 955.25 किलो गांजा बरामद किया गया है। वर्ष 2016 में 259.19 , वर्ष 2017 में 2676.2 एकड़ और वर्ष 2018 में 2160.85 एकड़ में लगे फसलों को नष्ट किया गया है। वर्ष 2016 में 66.76 किलो, वर्ष 2017 में 215.97 किलो और वर्ष 2018 में 148.26 किलो अफीम की बरामदगी हुई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में 3, वर्ष 2017 में 10 और वर्ष 2018 में 12 अभियुक्तों को न्यायालय से सजाया दिलाया गया है।
सजा दिलाने में देश भर में अव्वल झारखंड 
सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड पुलिस बेहतर अनुंसधान के बाद सजा दिलाने के क्षेत्र में देश भर में अव्वल है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में सीआईडी की ओर से राज्य के प्रतिवेदित कांडों का त्वरित विचारण न्यारयालय में प्रारंभ कराया गया। इसके अंतर्गत वर्ष 2017 में चयिनत 501 कांडों में 512 अभियुक्तों को सजा, 128 अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं एक अभियुक्त को सजा ए मौत की सजा सुनायी गयी। सजा का प्रतिशत 67 है। अगस्त 2018 में 1001 कांडों का चयन किया गया, जिसमें अबतक विचारण के पश्चात 513 अभियुक्त को सजा, 97 अभियुक्तों को आजीवन कारावास और एक अभियुक्त को सजा ए मौत की सजा सुनाया गया हैं। वर्तमान में सजा का प्रतिशत 71 हैं। प्रेस कांफ्रेस में सीआईडी आईजी अरुण सिंह, डीआईजी अमोल वी होमकर, एसएसपी अनीश गुप्ता और मनोज रतन चौथे मौजूद थे।

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