सिटी पोस्ट लाइव : आजादी के बाद सामंतवाद के कब्जे में रही शिक्षा व्यवस्था मोदी राज ने कारपोरेट घराने के हाथों में सौंप दिया गया है. कारपोरेट घराने के कब्जे से शिक्षा को मुक्त कराना आइसा का फौरी कार्यभार होना चाहिए. इसे भगत सिंह- अंबेडकर के रास्ते चलकर आइसा सर्वसुलभ और वैज्ञानिक शिक्षा के लिए आंदोलन तेज करना चाहिए. ये बातें आइसा के चुनिंदा कार्यकर्ताओं के एक दिवसीय वर्कशॉप को शहर के विवेक-विहार मुहल्ला में सोमवार को संबोधित करते हुए आइसा के संस्थापक महासचिव सह भाकपा माले के पोलिट ब्यूरो सदस्य का० धीरेन्द्र झा ने कहा.
उन्होंने कहा कि आइसा के कंधे पर बड़ी जिम्मेवारी आ पड़ी है और इसे प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी कर ही पूरा किया जा सकता है. इसे पूरा करने में आइसा के लाखों कार्यकर्ता रातदिन लगे हुए हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को इतिहास, क्रांतिकारी साहित्य, स्वतंत्रता सेनानियों को न सिर्फ विचार में बल्कि व्यवहार में भी उतारने को कहा. द्रख्शा जबीं, मनीषा कुमारी, प्रिति कुमारी, स्तुति सिंह, भूमि राय, जीतेंद्र सहनी, रविरंजन, गुप्ता विक्की कुमार, राजू कुमार झा, मो० फरमान, गंगा पासवान, रौशन कुमार, ललित कुमार सहनी, अभि सिंघानिया, नीरज कुमार, दीपक कुमार, सुमन सौरभ, राजा कुमार, निशु नयन, सुंदरम, सोनू कुमार समेत अन्य छात्र- छात्रा बतौर प्रशिक्षु उपस्थित थे. वर्कशॉप में आइसा जिला प्रभारी सह माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह, माले जिला सचिव प्रो० उमेश कुमार भी संबोधित किया.
जिला अध्यक्ष लोकेश राज ने वर्कशॉप को संबोधित करते हुए आइसा के राष्ट्रव्यापी अभियान, ” चलो क्लास की ओर” को जिले में लागू करने पर विस्तारपूर्वक अपनी योजना को रखा. जिला सचिव सुनील कुमार ने बेहतर शिक्षा के रास्ते में आ रही बाधाएं मसलन पुस्तकालय, प्रेक्टिकल, खेल सामग्री आदि की व्यवस्था में सुधार को लेकर संघर्ष तेज करने की अपील की. आइसा नेत्री प्रिति और मनीषा ने कहा कि बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ, महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता की नारा देने वाली भाजपाई नेता लड़कियों को जींस पहनने पर आपत्ति जता रही है. यह शर्मनाक है. नेत्रीद्वय ने भाजपा मुख्यमंत्री से इस व्यान पर माफी मांगने की मांग की.
समस्तीपुर से प्रियांशु कुमार की रिपोर्ट