सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड उच्च न्यायालय में डॉ भीम प्रभाकर द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ.रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में आज सुनवाई हुई। इस मौके पर श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव प्रवीण कुमार टोप्पो और कार्मिक विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने अदालत उपस्थित होकर यह बात स्पष्ट रुप से रखा गया कि विभाग औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक की बहाली के लिए नियुक्ति नियमावली तैयार कर रिक्त पदों को भरने की दिशा में प्रयासरत है। इस संबंध में भारत सरकार के प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा 31 जनवरी 2020 के दिये गये आदेश आधार पर बनाकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा वित्त विभाग से अनुमोदन की स्वीकृति करा कर स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया को पूर्ण करने की चल रही है। इसे लेकर जे एस एस सी के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने वाले प्रस्ताव पर झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा 27 नवंबर जानकारी मांगी गयी है।
गौरतलब है कि झारखंड में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक की बहाली 10 सालों से नहीं हुई है और रोचक की बात यह है कि झारखंड अलग होने के बाद से प्रिंसिपल की नियुक्ति वर्तमान समय तक एक बार भी नहीं की गई है। याचिकाकर्ता के तरफ से वकील विनोद सिंह ने अदालत को बताया कि 120 आईटीआई संस्थान पूरे झारखंड में खोले गए हैं। लेकिन वर्तमान समय में मात्र 59 आईटीआई में ही प्रशिक्षण का कार्य चल रही है। इसमें जनता के पब्लिक के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है इसके लिए याचिकाकर्ता के द्वारा झारखंड में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की दयनीय अवस्था को देखते हुए यह याचिका दायर की गई है जिसकी अगली सुनवाई 27 नवंबर 2020 को रखी गई है।