सिटी पोस्ट लाइव, चतरा: कृषक मित्र महासंघ के प्रदेश महासचिव सुभाष सिंह ने बुधवार को झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात कर कृषक मित्रों की विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपते हुए उसके जल्द निराकरण करने की मांग की। इस मौके पर सिमरिया प्रखंड के किसान भवन में महासंघ के प्रदेश महासचिव ने कृषि मंत्री को बताया कि कृषि विभाग के सभी कार्य राज्य के कृषक मित्रों के द्वारा संचालित किया जाता है, किन्तु उन्हें किसी तरह की पारिश्रमिक भत्ता नहीं मिलती है जिससे कृषक मित्रों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। इस निमित्त उन्होंने कृषक मित्रों के सम्मानजनक मानदेय देने पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आग्रह किया। दूसरी ओर मंत्री बादल पत्रलेख ने कृषक मित्रों के शिष्टमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि कृषक मित्रों के प्रति सरकार की सोच साकारात्मक है। शीघ्र कृषक मित्रों के हित में सरकार फैसला लेगी। इस मौके पर रविंद्र सिंह, केदार साव, पूरण राम, मोहम्मद कलीम समेत कई कृषक मित्र उपस्थित थे।
इधर, नौकरी व मुआवजा समेत अन्य मांगों के समर्थन में आंदोलित रैयतों के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में बुधवार को शिरकत करने चतरा जिले की कोयला नगरी टंडवा पहुंचे सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने चतरा के सांसद और सिमरिया के विधायक पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भाजपा सांसद सुनील सिंह और विधायक किसुन दास पर गरीबों के बजाय उद्योगपतियों के लिये राजनीति करने का आरोप लगाया। मंत्री ने सांसद और विधायक का नाम लिए बगैर पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यहां के नेता गरीबों के बजाय कंपनियों के विकास की बात करते हैं। यही कारण है कि आंदोलनों में इनका समर्थन रैयतों के बजाय कंपनियों के पक्ष में होता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों के साथ है। ऐसे में उन्हें उनके अधिकारों से कोई वंचित नहीं कर सकता। अगर अधिकारी गरीबों की बात नहीं सुनेंगे तो सरकार सख्त एक्शन लेगी। कृषि मंत्री ने प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब वह समय नहीं है कि लोग धरना प्रदर्शन के बाद अधिकारियों के माध्यम से सरकार को पत्र भेजते थे। बल्कि अब सरकार सीधे गरीबों के बीच पहुंच कर उनकी समस्याओं से अवगत हो रही है। मंत्री ने विस्थापित गांवों के आंदोलित रैयतों की समस्याओं का निराकरण करते हुए जायज मांगो को जल्द पूरा करने की बात कही। कहा कि कंपनियों के नीतियों के विरुद्ध आंदोलन का रुख अख्तियार करने वाले ग्रामीणों की जल्द सीएम के साथ वार्ता कराई जाएगी। ताकि गरीबों को उनका हक और अधिकार मिल सके। गौरतलब है कि चतरा के टंडवा प्रखंड अंतर्गत एनटीपीसी के विस्थापित 6 गांव के सैंकड़ों रैयत विस्थापित विकास संघर्ष समिति के बैनर तले लगातार आंदोलित हैं। जिसमे मंत्री शिरकत करने टंडवा पहुंचे थे।