सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: पंचायत व ग्राम स्तर पर कोरोना संक्रमण की वास्तुस्थिति, रोकथाम, बचाव व जागरूकता को लेकर चल रहे कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा पंचायतवार तरीके से मुखिया (कार्यकारी), सभी पंचायत सचिव, जनसेवकों से वर्तमान में पंचायत व ग्रामस्तर पर कोरोना संक्रमण की स्थिति, स्वास्थ्य से जुड़े आवश्यकताओं, स्वास्थ्य सुरक्षा के अनुपालन, वैक्सिनेशन एवं पंचायत स्तर पर कोरेन्टीन सेन्टर व आईसोलेशन सेन्टर की व्यवस्था व आवश्यकता से अवगत हुए।
इसके अलावे उपायुक्त ने सभी जनप्रतिनिधियों को जिले में कोविड के लिए उपलब्ध संसाधनों से अवगत कराते हुए ग्रामीण स्तर पर कोविड से जुड़े व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के उदेश्य से 15वें वित आयोग की राशि का 10 प्रतिशत पंचायतों में खर्च किया जा सकता है, ताकि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्थ किया जा सके। साथ ही उन्होंने बताया कि पिछली लहर की तुलना में यह ज्यादा घातक है, फिर भी लोग न घबराएं। जरूरत है तो बस ज्यादा सतर्क और सावधान रहने की। आप सभी जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में रहकर आम जनों की समस्याओं को काफी करीब से समझते हैं। ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए आप सभी के सुझाव काफी लाभदायी और महत्वपूर्ण है। जिला प्रशासन का लगातार प्रयास है की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दिन प्रतिदिन सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्र में कोविड वैक्सिन के प्रथम डोज, द्वितीय डोज, कोविड नियमों के शत प्रतिशत अनुपालन, साफ-सफाई व कोविड रोकथाम के विषयों पर जागरूक करने की आवश्यकता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उपायुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान मद की राशि तीनों स्तर के पंचायती राज संस्थाओं (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद) को उनके बैंक खाते में उपलब्ध करायी जा रही है। इस मद की राशि निम्न दो प्रकार से व्यय की जा रही है। आधारभूत अनुदान- आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान मद का 50 प्रतिशत आधारभूत अनुदान के रूप में विमुक्त की जाएगी। आधारभूत अनुदान अनाबद्ध अनुदान होगा जिसका उपयोग संबंधित निकाय द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार योजनाओं के क्रियान्वयन में किया जा सकेगा।
किन्तु इससे वेतन, मानदेय अथवा स्थापना व्यय मद में खर्च नहीं किया जा सकता है। आबद्ध अनुदान-आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान मद का 50 प्रतिशत आबद्ध अनुदान के रूप में विमुक्त की जाएगी। इस मद की राशि का उपयोग संबंधित निकाय द्वारा निम्नलिखित दो आधारभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने हेतु किया जा सकेगा। स्वच्छता एवं ओडीएफ स्टेटस को बनाये रखने से सम्बंधित कार्य। पेयजल व्यवस्था, वर्षा जल संरक्षण एवं जल के पुनर्चक्रण से सम्बंधित कार्य के लिए उपयोग किया जा सकता है।