सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भाजपा से गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे के खिलाफ एक ही दिन में पांच एफआइआर दायर किये जाने के मामले को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर देवघर के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। डीसी से सात दिन के भीतर जवाब मांगते हुए 10 दिन के भीतर आयोग को भेजने के लिए कहा गया है।
चुनाव आयोग के प्रमुख सचिव अरविंद आनंद ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जो पत्र भेजा है, उसमें देवघर के उपायुक्त की कार्यवाही पर गंभीर सवाल खड़े किये गये हैं। पत्र में कहा गया है कि देवघर के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारी मंजूनाथ भेजंत्री द्वारा 26 अक्टूबर के पत्रांक 2472 और 27 अक्टूबर के पत्रांक 2497 के साथ सौंपे गये दस्तावेज और रिपोर्ट के परीक्षण से स्पष्ट होता है कि एफआइआर दर्ज कराने में हुई देरी का उनके द्वारा बताया गया कारण साक्ष्य पर आधारित नहीं है और इसलिए उनसे स्पष्टीकरण पूछा जाना चाहिए।
पत्र में कहा गया है कि सांसद डॉ निशिकांत दुबे द्वारा किया गया। कथित आपराधिक कृत्य और उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में दायर एफआइआर के बीच छह महीने से अधिक का अंतराल है। बिना किसी पर्याप्त कारण के विलंब से एफआइआर दर्ज कराना न केवल अभियोजन पक्ष के लिए समस्या पैदा कर सकता है, बल्कि यह अधिकारों के दुरुपयोग की ओर भी इशारा करता है।
उल्लेखनीय है कि इस साल अप्रैल में मधुपुर में हुए उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग ने गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे की शिकायत पर देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री को हटा दिया था। चुनाव के बाद वह दोबारा इस पद पर पदस्थापित किये गये। तब 24 अक्टूबर को उन्होंने जिले के पांच थानों में सांसद के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में पांच अलग-अलग मामले दर्ज कराये थे।