सीआरपीएफ ने शहीद हवलदार विजय सोरेंग की याद में किया प्रतिमा का अनावरण

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सीआरपीएफ ने शहीद हवलदार विजय सोरेंग की याद में किया प्रतिमा का अनावरण

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हवलदार विजय सोरेंग की स्मृति में सीआरपीएफ की ओर से उनके पैतृक गांव गुमला के फरसामा में गुरुवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष प्रो. दिनेश उरांव ने अमर शहीद हवलदार विजय सोरेंग की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने शहीद हवलदार विजय सोरेंग की जीवनवृत्त के बारे में बताया और देश में फैले नक्सलवाद एवं आतंकवाद की स्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने युवाओं से देशभक्ति की राह पर चलने का आवाह्न किया। अमर शहीद विजय सोरेंग की यादों को उनके परिजनों के बीच जीवंत रखने के उद्देश्य से एक पट्टिका उनके माता-पिता को दी गई। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी शहादत और वीर गाथाओं से प्रेरणा ले सके इसलिए आज शहीद विजय सोरेंग की याद में उच्च विद्यालय, कुम्हारी में पुस्तकालय का भी अनावरण किया गया। उनकी पट्टिका भी वहां लगायी गयी। सीआरपीएफ के आईजी संजय आनंद लाटकर ने बताया कि पुस्तकालय में झारखंड बोर्ड की किताबें, प्रतियोगिता परीक्षा की किताबें, सीआरपीएफ की वीरगाथा सीरीज की पुस्तकें रखी गयी हैं। साथ ही उपयुक्त फर्नीचर, सोलर लाइट और पंखे आदि उपलब्ध कराकर सीआरपीएफ की ओर से यह कोशिश की गई है कि यहां पढ़ने वाले छात्र हर तरह से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ की ओर से पिछले दो वर्षों में सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत राज्य के दुर्गम इलाकों में इस तरह के 144 पुस्तकालयों का निर्माण किया जा चुका है।
मुफ्त चिकित्सा शिविर लगा, सीआरपीएफ ने 45 यूनिट रक्तदान किया
इस अवसर पर शहीद हवलदार विजय सोरेंग की स्मृति में सीआरपीएफ ने ग्रामीणों के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। इसमें सीआरपीएफ के चिकित्सकों ने लगभग 485 ग्रामीणों का इलाज किया। साथ ही दवाओं का मुफ्त वितरण भी किया गया। इस दौरान 45 वर्ष की आयु में राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद हवलदार विजय सोरेंग के सम्मान में सीआरपीएफ की विभिन्न बटालियनों के अधिकारियों एवं जवानों ने 45 यूनिट रक्तदान किया। साथ ही पौधरोपण भी किया गया। इस अवसर पर डीएस राठौड़, मनीष सच्चर, डीटी बनर्जी, राजकुमार, संजय कुमार सिंह, एच रंजीत सिंह सहित सीआरपीएफ एवं राज्य सरकार के कई अन्य अधिकारी एवं उच्च विद्यालय, कुम्हारी के प्राचार्य एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित थे।
शहादत की गौरवशाली परंपरा है 
झारखंड में देश सेवा के लिए शहादत देने की गौरवशाली परंपरा रही है। इससे पहले भी राज्य के कुल 54 जवानों ने सीआरपीएफ में रहते हुए देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। शहादत की इस गौरवशाली परंपरा में उच्च विद्यालय, कुम्हारी का अपना अलग स्थान है। शहीद विजय सोरेंग इस विद्यालय के ऐसे दूसरे छात्र हैं, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है। इन शहीदों की स्मृतियां आने वाली पीढ़ी के जेहन में बरक़रार रखने के लिए इनकी प्रतिमाओं की स्थापना इनके विद्यालयों में की गई है।

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