दुमका में 18 व बेरमो में 17 राउंड में मतगणना होगी पूरी

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में दुमका और बेरमो विधानसभा उपचुनाव के मतों की गिनती की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है। दुमका में 18 राउंड और बेरमो में 17 राउंड में मतगणना पूरी होगी। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी को लेकर मतगणना को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी है।  कल सुबह आठ बजे मतों की गिनती होगी और दोपहर बाद चुनाव परिणाम मिल जाने की संभावना है। दुमका में मतों की गिनती दुमका इंजीनियरिंग कालेज में होगी, जहां अभी वज्रगृह बनाया गया है और 3  नवंबर को हुए मतदान के बाद सभी इवीएम को कडी सुरक्षा में रखा गया है। मतगणा कर्मियों और अधिकारों को प्रशिक्षण देने का  काम अंतिम चरण में है।दोनों ही सीटों पर सीधा मुकाबला है। दुमका में भाजपा व झामुमो जबकि बेरमो में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। गौरतलब है कि  कोरोना काल में झारखंड की दो सीटों पर उपचुनाव में 2019 के चुनाव से वोट प्रतिशत थोड़ा कम रहा, पर मतदाताओं में उत्साह ज्यादा देखा गया था। दुमका में इस बार 65.27 और बेरमो में 60.20 प्रतिशत मतदान हुआ। 2019 में विधानसभा चुनाव में दुमका में 67.14 और बेरमो में 60.93 प्रतिशत वोट पड़े थे। दुमका में झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन का भाजपा की लुईस मरांडी और बेरमो में कांग्रेस प्रत्याशी अनूप सिंह का भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल से सीधा मुकाबला है।

दुमका में चार वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। दुमका झामुमो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का कर्म क्षेत्र रहा है तो वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्वाचन क्षेत्र भी। 2019 के चुनाव में बरहेट के अलावा हेमंत यहां से भी चुनाव जीते थे। उन्होंने इस चुनाव को कितना गंभीरता से लिया है, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि लगातार सात दिनों तक वह एक छोटे से विधानसभा क्षेत्र में लगातार कैंप करते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने तो अपनी पूरी ताकत ही दुमका में ही झोंक दी थी। भाजपा में उनकी वापसी के बाद यह पहला चुनाव है। दुमका में भाजपा की जीत-हार से मरांडी का राजनीतिक करियर प्रभावित होगा। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव परिणाम से प्रभावित होंगे।

ज्ञातव्य हो कि पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन की वजह से बेरमो विधानसभा क्षेत्र खाली हो गया था। इसकी वजह से वहां पर उपचुनाव हुआ। जबकि  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बरहेट और दुमका 2 विधानसभा क्षेत्रों से जीत हासिल की थी। उन्हें एक सीट छोड़ना था। ऐसे में उन्होंने दुमका से त्यागपत्र दिया। इसकी वजह से दुमका सीट खाली हो गई और वहां उपचुनाव हुआ।

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