कल्याण विभाग के बच्चे किसी से कम नहींः राज्यपाल
कल्याण विभाग के बच्चे किसी से कम नहींः राज्यपाल
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आवासीय के छात्र-छात्राएं किसी तरह से कमजोर नहीं हैं। वे हर क्षेत्र यथा पढ़ाई के साथ खेलकूद, कला-संस्कृति में भी आगे हैं। इन बच्चों की प्रतिभा को निखारने आवश्यकता है। बच्चों को पढ़ाई के साथ व्यवहारिक ज्ञान होना बहुत आवश्यक है। सरकार की ओर से राज्य में भविष्य संवारने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं जिसमें समाज के सभी नागरिकों के सहयोग की आवश्यकता है। राज्यपाल बुधवार को राजधानी रांची के आर्यभट्ट सभागार में कल्याण विभाग की ओर से आयोजित सम्मान समारोह 2019 को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा, मैं शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों के साथ कल्याण विभाग की ओर से संचालित शिक्षण संस्थानों एकलव्य एवं आश्रम विद्यालयों सहित अन्य का अवलोकन करने निरंतर जाती हूं। छात्र-छात्राओं से मिलकर संवाद स्थापित करती हूं और उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश करती हूं। मैं अनुभव के आधार पर गर्व से कह सकती हूं कि झारखंड राज्य के बच्चे बहुत होनहार हैं। चाहे वह सरकारी विद्यालय में पढ़ते हों अथवा निजी। मेधा तो है, लेकिन सही दिशा प्रदान करने की आवश्यकता होती है। इसमें सबसे बड़ा सहायक है आत्मबल और मजबूत इरादे। ये यदि नहीं होंगे तो आप कहीं भी पढ़ रहे होंगे तो लक्ष्य हासिल नहीं कर पायेंगे। जो आत्मबल और मजबूत इरादे के साथ आगे बढ़ेंगे, वे निश्चित रूप से लक्ष्य प्राप्त करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चे शिक्षा के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में अत्यंत ही प्रतिभावान है। वे परिश्रमी हैं तथा विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छा कर कर रहे हैं। उनमें हर क्षेत्र, चाहे वह खेल हो या कला में असीम प्रतिभा है, जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। आशा है कि इस प्रकार के समारोह बच्चों को और सकारात्मक दिशा और नई ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करेगा। इन बच्चों को नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करने की ओर भी प्रयास करना होगा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का स्वागत सबसे पहले राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय विद्यालय ईस्ट जेल रोड की छात्राओं ने बैंड की धुन पर किया। इससे पहले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की सचिव हिमानी पांडेय ने विभाग की उपलब्धियां बतायीं। इस मौके पर मंत्री डॉ. लुईस मरांडी ने कहा कि जो कार्य अधूरे हैं, उसे पूरा किया जाएगा। बच्चों के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल आदि के लिए कोचिंग व्यवस्था करने की तैयारी की जा रही है।
213 बच्चों को किया गया सम्मानित
रांची सहित राज्य भर में संचालित 157 रेसीडेंशियल स्कूल व एकलव्य स्कूलों के बच्चों को 10वीं और 12वीं परीक्षा में बेहतर रिजल्ट करने वाले छात्र-छात्राओं को राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया गया। इसमें प्रमंडल स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्रप्त करने वाले, विषयवार बेहतर रिजल्ट करने वाले और दसवीं में राज्यस्तर पर सबसे बेहतर रिजल्ट करने वाले दिलीप बेसरा, सिकंदर और अमन कुमार सोरेन को पुरस्कार दिये गये। इसके साथ ही जिन स्कूलों में बेहतर रिजल्ट हुए हैं, उन स्कूलों के शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य को भी सम्मानित किया गया। राज्यस्तर पर 10वीं में बेहतर रिजल्ट के लिए बीसी गर्ल्स हाई स्कूल हज़ारीबाग और 12वीं की परीक्षा में पिछड़ी जाति आवासीय विद्यालय ईस्ट जेल रोड को पुरस्कार मिला। चान्हो स्थित कौशल नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य को पुरस्कार दिया गया।
सोलो सिंगिंग में लोहरदगा की अनिपा लकड़ा ने बाजी मारी
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से पहली बार आयोजित राज्यस्तरीय नृत्य और संगीत प्रतियोगिता में स्टूडेंट्स के बीच ग्रुप सिंगिंग, सोलो सिंगिंग और ग्रुप डांस प्रतियोगिता हुई थी। इसमें सोलो सिंगिंग में लोहरदगा की अनिपा लकड़ा अव्वल रही। लोहरदगा एकलव्य मॉडल स्कूल में पढ़ने वाली अनीपा लकड़ा ने नागपुर कर कोरा गीत प्रस्तुत कर मंत्री डॉ. लुईस मरांडी को भी भावुक कर दिया था। सोलो सिंगिंग में दूसरा स्थान शर्मिला सोरेन और तीसरा स्थान दिलीप ने प्राप्त किया। समूह गान में टोरिसिन्द्री, डीएवी बुंडू और भवनाथपुर के स्कूल की टीम ने पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। नृत्य प्रतियोगिता में तमाड़, टोरिसिन्द्री और जामताड़ा ने पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। सभी को राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया गया।