मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुनी करना हमारी प्राथमिकता है। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। बांस के उद्योग में कई संभावनाएं हैं। इसलिए हमारी कोशिश यही रहनी चाहिए की बांस के उत्पाद को बढ़ाया जाए। झारखंड में बांस सबसे अधिक मात्रा में उपलब्ध है। आज के दिन इस यूनिट से बांस के कारीगरों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। यह कार्य राज्य में रोजगार के साथ-साथ विकास का एक बेहतर माध्यम है। झारखंड की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक बेहतर मौका है। महिलाओं को अब किसी के ऊपर निर्भर रहने की कोई जरूरत नहीं है। वह अपनी आय को बढ़ा सकतीं हैं। बांस कारीगर की संख्या संताल परगना में अधिक है। इसलिए यहां की महिलाओं की आय में वृद्धि लाने का काम किया गया है। कारखाना में बनने वाले बांस के उत्पादों को विदेश में एक्सपोर्ट किया जाता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। झारखंड की महिलाएं सशक्त एवं मेहनती हैं। चाहे वो कृषि के क्षेत्र में हो या पशुपालन उद्योग में हो। अगर कृषि के क्षेत्र में देखें तो बुवाई का भी काम हमारी महिलाएं करती है, और कटाई का भी काम महिलाएं करती है। पशुपालन क्षेत्र में देखें तो महिलाएं ही सारा काम करती है। झारखंड की आदिवासी महिला सिर्फ मुर्गी पालन के लिए नहीं है, बल्कि हर क्षेत्र में आगे हैं। मुख्यमंत्री ईयसएएफ कारखाना में बन रहे बांस के उत्पादों का अवलोकन किया। वहां कार्यरत बांस कारीगरों से उन्होंने बातचीत की साथ ही उनसे बांस से बन रहे उत्पादों के संबंध में पूछा। बांस कारीगरों ने बताया कि बांस के उत्पादों की बिक्री उनके लिए आय का स्रोत बना है। और नई तकनीक व उपकरणों से कार्य करने में आसानी हो रही है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि आने वाले दिनों में बांस के उत्पादों का भरपूर उपयोग देश व विदेश में किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री संताल परगना क्षेत्र में दो बांस कारखाना का शिलान्यास किया। संताल परगना क्षेत्र में बांस के कुल 9 कारखाना का निर्माणकार्य बनाने हो रहा है।’
मुख्यमंत्री ने संताल परगना क्षेत्र में दो बांस के कारखाना का शिलान्यास किया
मुख्यमंत्री ने संताल परगना क्षेत्र में दो बांस के कारखाना का शिलान्यास किया
सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। झारखंड में जो हमारे हस्तशिल्पकार हैं उनके रोम रोम में कला है। आप कलाकारों की इस कला को समय की मांग के अनुरूप थोड़ा और हुनर देकर आपके उत्पादों को विदेशी बाजार में उतारना सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए उद्योग विभाग लगातार कार्य कर रहा है। विभाग ने संताल परगना की महिलाओं को बांस के उपकरण एवं नवीन तकनीक देकर जो मदद की है। उसके लिए उद्योग विभाग के सभी कर्मियों को धन्यवाद। बांस के उत्पादों की बिक्री कर यहां के लोग अपनी मेहनत से गरीबी रेखा से बाहर निकालने में समर्थ होंगे। उद्योग विभाग ने संताल परगना के लोगों के लिए बांस कारीगरी के अवसर प्रदान कर रही है। इससे यहां के लोगों की आय में वृद्धि करने का मौका मिला है। ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जामा प्रखंड स्थित ईयसएएफ कारखाना भ्रमण के दौरान कारीगरों से कही।
बांस के उत्पाद आर्थिक स्वावलंबन का बन सकता है वाहक
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुनी करना हमारी प्राथमिकता है। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। बांस के उद्योग में कई संभावनाएं हैं। इसलिए हमारी कोशिश यही रहनी चाहिए की बांस के उत्पाद को बढ़ाया जाए। झारखंड में बांस सबसे अधिक मात्रा में उपलब्ध है। आज के दिन इस यूनिट से बांस के कारीगरों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। यह कार्य राज्य में रोजगार के साथ-साथ विकास का एक बेहतर माध्यम है। झारखंड की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक बेहतर मौका है। महिलाओं को अब किसी के ऊपर निर्भर रहने की कोई जरूरत नहीं है। वह अपनी आय को बढ़ा सकतीं हैं। बांस कारीगर की संख्या संताल परगना में अधिक है। इसलिए यहां की महिलाओं की आय में वृद्धि लाने का काम किया गया है। कारखाना में बनने वाले बांस के उत्पादों को विदेश में एक्सपोर्ट किया जाता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। झारखंड की महिलाएं सशक्त एवं मेहनती हैं। चाहे वो कृषि के क्षेत्र में हो या पशुपालन उद्योग में हो। अगर कृषि के क्षेत्र में देखें तो बुवाई का भी काम हमारी महिलाएं करती है, और कटाई का भी काम महिलाएं करती है। पशुपालन क्षेत्र में देखें तो महिलाएं ही सारा काम करती है। झारखंड की आदिवासी महिला सिर्फ मुर्गी पालन के लिए नहीं है, बल्कि हर क्षेत्र में आगे हैं। मुख्यमंत्री ईयसएएफ कारखाना में बन रहे बांस के उत्पादों का अवलोकन किया। वहां कार्यरत बांस कारीगरों से उन्होंने बातचीत की साथ ही उनसे बांस से बन रहे उत्पादों के संबंध में पूछा। बांस कारीगरों ने बताया कि बांस के उत्पादों की बिक्री उनके लिए आय का स्रोत बना है। और नई तकनीक व उपकरणों से कार्य करने में आसानी हो रही है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि आने वाले दिनों में बांस के उत्पादों का भरपूर उपयोग देश व विदेश में किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री संताल परगना क्षेत्र में दो बांस कारखाना का शिलान्यास किया। संताल परगना क्षेत्र में बांस के कुल 9 कारखाना का निर्माणकार्य बनाने हो रहा है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुनी करना हमारी प्राथमिकता है। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। बांस के उद्योग में कई संभावनाएं हैं। इसलिए हमारी कोशिश यही रहनी चाहिए की बांस के उत्पाद को बढ़ाया जाए। झारखंड में बांस सबसे अधिक मात्रा में उपलब्ध है। आज के दिन इस यूनिट से बांस के कारीगरों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। यह कार्य राज्य में रोजगार के साथ-साथ विकास का एक बेहतर माध्यम है। झारखंड की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक बेहतर मौका है। महिलाओं को अब किसी के ऊपर निर्भर रहने की कोई जरूरत नहीं है। वह अपनी आय को बढ़ा सकतीं हैं। बांस कारीगर की संख्या संताल परगना में अधिक है। इसलिए यहां की महिलाओं की आय में वृद्धि लाने का काम किया गया है। कारखाना में बनने वाले बांस के उत्पादों को विदेश में एक्सपोर्ट किया जाता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। झारखंड की महिलाएं सशक्त एवं मेहनती हैं। चाहे वो कृषि के क्षेत्र में हो या पशुपालन उद्योग में हो। अगर कृषि के क्षेत्र में देखें तो बुवाई का भी काम हमारी महिलाएं करती है, और कटाई का भी काम महिलाएं करती है। पशुपालन क्षेत्र में देखें तो महिलाएं ही सारा काम करती है। झारखंड की आदिवासी महिला सिर्फ मुर्गी पालन के लिए नहीं है, बल्कि हर क्षेत्र में आगे हैं। मुख्यमंत्री ईयसएएफ कारखाना में बन रहे बांस के उत्पादों का अवलोकन किया। वहां कार्यरत बांस कारीगरों से उन्होंने बातचीत की साथ ही उनसे बांस से बन रहे उत्पादों के संबंध में पूछा। बांस कारीगरों ने बताया कि बांस के उत्पादों की बिक्री उनके लिए आय का स्रोत बना है। और नई तकनीक व उपकरणों से कार्य करने में आसानी हो रही है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि आने वाले दिनों में बांस के उत्पादों का भरपूर उपयोग देश व विदेश में किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री संताल परगना क्षेत्र में दो बांस कारखाना का शिलान्यास किया। संताल परगना क्षेत्र में बांस के कुल 9 कारखाना का निर्माणकार्य बनाने हो रहा है।’