चेंबर ने अंतरिम बजट उभरते देश के भविष्य का बजट करार दिया

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चेंबर ने अंतरिम बजट उभरते देश के भविष्य का बजट करार दिया

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखण्ड के उद्योगपतियों -व्यवसायियों की सबसे बड़ी संस्था फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफजेसीसीआई) ने शुक्रवार को लोकसभा में पेश अंतरिम बजट 2019 पर प्रतिक्रिया दी है। एफजेसीसीआई के अध्यक्ष दीपक कुमार मारू ने कहा उभरते देश के भविष्य का बजट है जिसपर सरकार ने अपनी मंशा दर्शायी है। कृषि क्षेत्र पर सरकार ने कई व्यवस्थाएं दी हैं जिसका हम स्वागत करते हैं। एफजेसीसीआई सदैव यह मानता रहा है कि कृषि उद्योग का अभिन्न अंग है। किसान समृद्ध होंगे तो देश की तरक्की को कोई नहीं रोक सकता। वित्त मंत्री ने अव्यवस्थित मजदूरों की समस्याओं पर भी चिंतन किया जो प्रशंसनीय है। मजदूरों को मासिक पेंशन देकर वित्त मंत्री ने उनका सम्मान दिया है। एमएसएमई के हित में जेम के माध्यम से हो रही खरीदारी ठीक है किंतु इसमें अभी भी सुधार की आवश्यकता है। एफजेसीसीआई के महासचिव कुणाल अजमानी ने कहा कि 5 लाख तक की आयकर छूट देने से मध्यम वर्ग के लाभुकों को फायदा मिला है। किसान कैसे आत्मनिर्भर बनें और देश में रोजगार अधिक से अधिक कैसे उत्पन्न हों इसपर फोकस करने के लिए सरकार को मजबूत तंत्र के गठन की आवश्यकता है। एफजेसीसीआई के उपाध्यक्ष सोनी मेहता ने कहा कि यह संतुलित बजट है। मेटरनिटी लीव को बढाकर 26 माह करना और 40 हजार तक के ब्याज पर टीडीएस अब नहीं लगेगा की सूचना महिलाओं को प्रोत्साहित करनेवाली है। बजट में 5 लाख तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लेने का ऐतिहासिक फैसला स्वागतयोग्य है। झारखण्ड कन्ज्यूमर डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसियेशन के सचिव संजय अखौरी ने कहा कि यह बजट मुस्कान अधिक लाता है। उम्मीद थी कि चुनावी वर्ष होने के कारण लुभावने बजट होंगे किंतु यह संतुलित बजट है। मध्यम वर्ग, मजदूर और किसान वर्ग को काफी प्रोत्साहित किया गया है। 40 हजार तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं लगना और अर्फोडेबल हाउसिंग को प्रोत्साहन देने के लिए इन्कम टैक्स में छूट का फैसला स्वागत योग्य है। उम्मीद थी कि मध्यम वर्ग के व्यापारियों के लिए विशेष पैकेज दिये जायेंगे किंतु निराशा हाथ लगी।
कोल्हान प्रमंडल के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष विकासचंद्र मिश्रा अंतरिम बजट में सरकार ने मुख्य रूप से नाराज मध्यम वर्ग के लोगों की नाराजगी दूर करने का प्रयास करते हुए आयकर की सीमा को 5 लाख किया है। महिला, किसान एवं रक्षा पर भी विशेष फोकस किया गया है। कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले यह बजट सरकार के लिए अमृत के साथ जनता को लुभाने का काम करेगी।
एफजेसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने कहा कि हर वर्ष इस बात का ध्यान दिया जाता है कि सरकार बजट पेश करने के पूर्व पिछले बजट का एटीआर भी प्रस्तुत करेगी, पर इस बार भी ऐसा नहीं हुआ। किसी मारवाड़ी सांसद के द्वारा पहली बार देश का बजट पेश करना सुखद है। चुनावी बजट कहना गलत नहीं क्योंकि देश की रीढ़ कही जानेवाली व्यापार वर्ग के लिए ऐसा कुछ खास नहीं सिर्फ वोट लेनेवाला कृषि एवं प्रधानमंत्री योजना का बजट है। पैसा कहां से आयेगा, पिछले कर्ज की क्या योजना है, इसका उल्लेख नहीं है। जितनी योजनाएं बनाई गई हैं, उसके भुगतान का भार भविष्य में टैक्सपेयर पर ही आयेगा। सबका साथ पर सिर्फ किसानों एवं मजदूरों का विकास ही इस बजट में प्रदर्शित है।

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