सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन आज मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक मनीष जायसवाल ने बिजली की लचर व्यवस्था व गिरती विधि व्यवस्था के खिलाफ मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर यह साफ कर दिया कि तीन दिवसीय छोटे से सत्र के शेष बचे दो कार्यदिवस के हंगामेदार रहने की संभावना है। हजारीबाग के बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने राज्य में बिजली की लचर व्यवस्था और गिरती विधि व्यवस्था को लेकर विधानसभा परिसर स्थित मुख्य द्वार पर धरना दिया। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में बिजली की आंख मिचोली जैसी स्थिति बनी हुई है। वहीं राज्य में विधि व्यवस्था भी बिगड़ती नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पिछले सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं को भी बंद कर रही है। जिससे आम जनता को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौके पर मनीष जायसवाल के समर्थन में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, विधायक भानु प्रताप शाही ने समर्थन दिया। मॉनसून सत्र में भाजपा विधायकों का आक्रमक रूख रहेगा, इसका नजारा आज पहले ही देखने को मिला। सोमवार और मंगलवार को प्रश्नोत्तरकाल और विधेयक पेश करने के दौरान सदन में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष की ओर से सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है, वहीं सत्तापक्ष की ओर से भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब तार्किक तरीके से देने की तैयार की गयी है।
तीन कार्यदिवस वाले इस छोटे से मॉनसून सत्र में चालू वित्तीय वर्ष का प्रथम अनुपूरक बजट पेश के अलावा कई विधेयकों को पेश किये जाने की तैयारी है। मॉनसून सत्र के दौरान बीजेपी-आजसू पार्टी ने राज्य को लैंड म्यूटेशन बिल, बढ़ते अपराध, बेरोजगारी और प्रवासी श्रमिक की दशा तथा कोरोना संक्रमण के बढ़़ते मामले के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। सरकार की ओर से मॉनसून सत्र में प्रथम अनुपूरक बजट के अलावा पांच विधायकों को भी पेश करने की तैयारी की गयी है, जिसमें झारखंड लैंड म्यूटेशन, दंड प्रक्रिया संहिता, झारखंड मिनल वेयरिंग सेस, झारखंड मोटर वाहन करारोपण और राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन विधेयक शामिल है।
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