भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर को आजमगढ़ सीमा पर पुलिस ने रोका
सिटी पोस्ट लाइव, आजमगढ़: दलित ग्राम प्रधान की हत्या के बाद सियासी दलों का अखाड़ा बने जनपद में पूरे दिन सियासी सरगर्मी तेज रही। गुरूवार को कांग्रेस के बाद भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर भी आजमगढ़ पहुचें, लेकिन पहले से तैयार खड़ी पुलिस ने आजमगढ़-अंबेडकर नगर के बार्डर के लोहरा के पास स्थित एनएच-233 के टोल प्लाजा पर रोक दिया। जिसके बाद चन्द्रशेखर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गये। उन्होने कहा कि जब तक वह दलित ग्राम प्रधान के परिजनों से नहीं मिल लेते या प्रशासन परिजनों को लाकर नहीं मिलाता वे यहां से नहीं जायेंगे।
गुरूवार की सुबह जहां दलित ग्राम प्रधान के घर पर जाने के लिए हठ पर उतरे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं को सर्किट हाउस में हिरासत में लेने के बाद नजर बंद कर दिया, वहीं दोपहर बाद भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण मृत दलित ग्राम प्रधान के घर जाने के लिए दोपहर बाद आजमगढ़-अम्बेडकर नगर के बार्डर के लोहरा गांव के समीप स्थित टोल प्लाजा पर 20 से अधिक वाहनों के काफिला लेकर पहुंचे। लेकिन पहले से ही मुस्तैद पुलिस और पीएसी के जवानों ने रोक लिया। जिसके बाद वे अपने समर्थकों के साथ वहीं धरने पर बैठ गये। इस दौरान मौके पर मौजूद एसडीएम और सीओं समझाने पहुंचे तो चन्द्रशेखर ने एक प्रतिनिधि मंडल में शामिल तीन सदस्यों के साथ ग्राम प्रधान के घर ले चलने की मांग की लेकिन अधिकारियों ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दिया।
इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने कहा कि हमारे दलित समाज के ग्राम प्रधान की हत्या की गयी है, वह भी यह कहके की गयी कि हम हत्या कर रहे है। यह उत्तर प्रदेश है, हम लोग इतने कमजोर नहीं कि हमे मारा जाय और धमकाया जाय। हम मृत ग्राम प्रधान के परिजनों से मिलने जा रहे थे लेकिन प्रशासन का कहना है कि आप वहां नहीं जा सकते है। लेकिन जब मैं आया हूं तो मिलकर जाउंगा। फिलहाल प्रशासन और भीम आर्मी के प्रमुख के बीच बातचीत चल रही है।