गंगा का जलस्तर बढ़ने से 15 सितम्बर तक नौका संचालन पर प्रतिबंधित

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सिटी पोस्ट लाइव, वाराणसी: भाद्रपद महीना (अगस्त) के आखिरी सप्ताह में गंगा का जलस्तर फिर तेजी से बढ़ने लगा है। गंगा की उफनाई लहरें घाटों के सम्पर्क मार्ग को अपने आगोश में लेकर शीतला मंदिर के सीढ़ियों तक पहुंच गई है। गंगा में बढ़ाव के चलते दशाश्वमेध घाट पर होने वाले मां गंगा की दैनिक आरती का स्थान फिर परिवर्तित किया गया है।
केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 65.79 मीटर दर्ज किया गया। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ाव की ओर है। वाराणसी में गंगा के जलस्तर का चेतावनी बिंदू 70.262 है। खतरे का निशान 71.26 मीटर है। फिलहाल गंगा चेतावनी बिंदू से लगभग पांच मीटर नीचे बह रही है। गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देख जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सावधानी बरतते हुए 15 सितम्बर तक नौका संचालन पर रोक लगा दी है। साथ ही जल पुलिस और पीएसी को जलस्तर की निगरानी के आदेश देने के साथ एनडीआरएफ को सतर्क रहने को कहा है।
उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि पिछले एक सप्ताह से घाटों पर पानी भरने से फिसलन बढ़ गई है। गंगा में नौकायन सुरक्षित नही है। नौकायन से लोगों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। ऐसे में गंगा में 15 सितम्बर तक नौका संचालन पर प्रतिबंध लगाया जाता है। उधर,गंगा में बढ़ाव से घाट पर घूमने वाले पर्यटक और श्रद्धालु एक घाट से दूसरे घाट पर भी नहीं जा पा रहे है। घाट किनारे स्थित कई मंदिर भी गंगा में डूब गए है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्र में भी लोग सतर्क है। गंगा में बढ़ाव से वरूणा और असि नदी में भी पलट प्रवाह दिखने लगा है। हरिश्चंद्र घाट पर शवों के अंतिम संस्कार में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मणिकर्णिकाघाट पर ऊंचे प्लेटफार्म पर अन्तिम संस्कार हो रहा है।
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