बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सेना में चयनित जवान के परिजनों को किया सैल्यूट

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सेना में चयनित जवान के परिजनों को किया सैल्यूट समाज के अंतिम पायदान पर खड़े महादलित वर्ग के पुत्र राकेश कुमार ने सेना में चयनित होकर जो रोहतास जिले के डोम जाति के नौजवानों के लिए आईकन बनने का काम किए हैं, उन्हें आज बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के तरफ से मंत्री जनार्दन पासवान ने संविधान तथा अम्बेडकर साहब की फोटो देकर सम्मानित किया। जनार्दन पासवान ने इस अवसर पर अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए राकेश कुमार के पिता सगुन राम,माता दशहरी देवी, भाई धनंजय कुमार एवं मामा बहादुर राम को भी सम्मानित किया। पुलिस मेंस एसोसिएशन के मंत्री जनार्दन पासवान सिटी पोस्ट लाइव को बताया कि आज समाज में बराबरी का दर्जा पाने के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है। लोग जीवन भर अपनी बदहाली और समस्याओं का रोना रोते नज़र आते हैं। लेकिन जिनके हौसले बुलंद होते हैं एवं जिसनें शिक्षा को अपना हथियार बनाया उनके लिए पत्थरों पर धूब जमाना भी आसान होता है।

अनुसूचित जाति के सबसे निचले पायदान पर खड़े डोम समुदाय का लड़का राकेश कुमार ने अपनी जाति की पुश्तैनी कार्य छोड़कर पढाई के बल पर आज जो मूकाम हासिल किया है, वह काबिले-तारीफ़ है। राकेश कुमार के सफलता में उनके माता पिता ही आज के जीता जागता अम्बेडकर है। इनसे लोगों को सिख लेने की जरूरत है। पुलिस मेंस एसोसिएशन एवं रोहतास पुलिस इनके परिवार को सैलूट करता है। सम्मानित करने वालों में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के मंत्री जनार्दन पासवान के आलावा जय प्रकाश पासवान, रवि शशिकुमार ,कुमुद रंजन,केसलाल राम सहायक अवर निरीक्षक, अरूण पासवान, परमानंद सिंह, हवलदार राजदेव शर्मा, योगेन्द्र प्रसाद, प्रवीण कुमार, भूषण वर्मा सहित कई अन्य पुलिस पदाधिकारी एवं जवान उपस्थित थे।

ज्ञातव्य हो किरोहतास जिले के बांक निवासी सुगन राम के पुत्र राकेश कुमार ने पढाई के दौरान डोम जाति की वजहों से कई मुश्किलों को झेला। लेकिन हिम्मत नहीं हारी ।और छुआ-छूत, भेद-भाव और अंधविश्वास की गहरी समुद्र के सीने को शिक्षा के बल पर ही चीरकर समाज में शिक्षा का अलख जगा दिया ।
डोम जाति के आईकन बने राकेश कुमार कहते हैं कि डोम जाति में शिक्षा के प्रति जागरूकता आवश्यक है। इस समुदाय के लोग जब तक पढेंगे-लिखेंगे नहीं, तब तक उनका समग्र विकास नहीं हो सकता है। लोगों को समाज में बराबरी का दर्जा पाने के लिए बच्चों में शिक्षा के प्रति ललक जगानी होगी। तभी समाज में विशिष्ट पहचान बन सकता है।

रोहतास से विकाश चंदन की रिपोर्ट

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