सिटी पोस्ट लाइव, रांची: रांची के मोरहाबादी मैदान में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 37 वें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी है। धरने पर बैठे सहायक पुलिसकर्मियों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। सहायक पुलिसकर्मी एक साथ अब मुख्यमंत्री आवास घेरने के लिए तैयार हो चुके हैं। वह रणनीति तैयार कर रहे हैं। झारखंड के विभिन्न जिलों से 2200 सहायक पुलिसकर्मी एक साथ मोरहाबादी मैदान से मुख्यमंत्री आवास के लिए निकलेंगे।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री आवास जाने से रोकने के लिए पुलिस की ओर से पूरे मोरहाबादी मैदान और मुख्यमंत्री आवास जाने वाले हर सड़क की घेराबंदी की गई है। लगभग 1200 से ज्यादा पुलिस के जवान और कई पुलिस अधिकारी मोरहाबादी मैदान से लेकर कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के बीच सहायक पुलिसकर्मियों को रोकने के लिए तैनात किये गए है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड सहायक पुलिसकर्मी 37 दिनों से मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। इस दौरान सरकार की तरफ से किसी ने सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को खत्म कराने की कोशिश तक नहीं की। वहीं उन्हें जिला प्रशासन की ओर से बुनियादी सुविधा भी नहीं मुहैया कराई गई है और मौसम की भी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
वर्ष 2017 में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना के आधार पर 12 अति नक्सल प्रभावित जिलों में सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई थी। इसकी एवज में दस हजार रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया था। इसके साथ ही नियुक्ति के समय कहा गया था कि तीन वर्ष पूरे होने के बाद झारखंड पुलिस के पद पर सीधी नियुक्ति की जाएगी। लेकिन अब तक इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया गया है।
ऐसे में झारखंड सहायक पुलिस के लगभग 2200 कर्मी 12 जिलों से इस आंदोलन में शामिल हुए हैं। इन जिलों में गढ़वा, पलामू, लातेहार,चतरा, दुमका, लोहरदगा, गिरिडीह, चाईबासा, जमशेदपुर, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के सहायक पुलिसकर्मी शामिल हैं। सहायक पुलिस कर्मियों का आरोप है कि सरकार अब उनकी बातों को अनसुनी कर रही है। मौके पर सहायक पुलिसकर्मी की ओर से विवेकानंद ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगो में सहायक पुलिस कर्मियों को झारखंड पुलिस में समायोजित करने, पुलिस की तरह अवकाश देने और वेतनमान में वृद्धि करना शामिल है।
मालूम हो कि संविदा पर बहाल हुए पुलिसकर्मियों की मांग नहीं माने जाने से नाराज सहायक पुलिस कर्मी 27 सितंबर से धरना पर बैठे हैं। जबकि पिछले साल 12 सितंबर 2020 से 23 सितंबर 2020 तक मोरहाबादी मैदान में आंदोलन किया था। उस दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर मिलने आये थे। उन्होंने भरोसा दिलाया था कि मांगों पर विचार के लिए जल्द ही पांच सदस्यीय कमेटी गठित होगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जायेगा लेकिन इस दिशा में अबतक कुछ नहीं हुआ।