पोर्ट ब्लेयर में 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर अश्विनी चौबे ने ध्वजारोहण किया
सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा पोर्ट ब्लेयर के स्वराज द्वीप पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने भाग लिया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा प्रथम ध्वजारोहण की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर पोर्ट ब्लेयर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण किया और मार्च की सलामी ली। विदित हो कि 30 दिसंबर 1943 में पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर के रॉस द्वीप में (वर्तमान में सुभाष दीप) वहां आजाद हिंद फौज का झंडा फहराया था। 30 दिसंबर 2018 को 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण किया था। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि यह एक गौरवशाली पल रहा।
अंडमान निकोबार दीप समूह भारत के स्वतंत्रता का एक अनमोल प्रतीक है। जिस तरह से यहां पर देश भक्तों को यातनाएं दी जाती थी, सजा दी जाती इसे सुन कर ही रूह कांप जाती है। यहां देशभक्तों का शरीर भले ही टूट जाता था, लेकिन हौसला नहीं। यहां आकर असीम उर्जा का अनुभव हो रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजादी के बहुमूल्य अनमोल नायक हैं। उन्होंने सर्वप्रथम आजादी का झंडा जिसे अब सुभाष चंद्र बोस ने द्वीप कहा जाता है वहां फहराया था इस जगह पर मुझे आज ध्वजारोहण करने का मौका मिला, यह एक गौरवशाली और प्रेरणादायक पल रहा। सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर 150 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लगा हुआ है। इस अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डी.के. जोशी,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश जी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के कक्ष को नमन किया। शहीदों को श्रद्धांजलि दी व उन्हें नमन किया। उन्होंने बताया कि मन काफी उद्वेलित था जब 12’×7′ फिट के कक्ष को देखा। जिसमे केवल एक रोशनदान था। उन्हें 10 वर्ष तक भयंकर यातनाएं दी गयी, जिसका स्मरण करते ही मन विचलित हो उठा। ऐसा अमानवीय व्यवहार तो जानवरों के साथ भी नहीं होता है। उनके कक्ष में शांति का अनुभव हुआ। उन्हें याद करते हुए आंखों से अश्रु धारा प्रवाहित होने लगा। ऐसे वीर भूमि जहां यातनाओं को सहन करके भी हमारे सेनानी कभी दिग्भ्रमित नहीं हुए और भारत माता की जय, वंदे मातरम कहते हुए सूली पर चढ़ गए। इस पुण्य भूमि को नमन करके यहां की माटी का तिलक लगाया और संकल्प लिया कि अपने शरीर के रक्त का एक एक कतरा देश के लिए न्योछावर करूँगा। साथ ही उन्हों ने CAA के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लेकर विपक्षी दल गलत बयान बाजी कर रहे हैं। जनता को उकसाने का कार्य कर रहे हैं। जो निंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि सर्व धर्म समभाव वाला यह देश है। इस अधिनियम से सर्वधर्म समभाव को और अधिक मजबूती मिलेगी। यह नागरिकता देने वाला कानून है, लेने वाला नहीं। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
विकाश चन्दन की रिपोर्ट