रामगढ़ शहर के डेली मार्केट में आगजनी की घटना ने कई सवाल किये खड़े

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रामगढ़ शहर के डेली मार्केट में आगजनी की घटना ने कई सवाल किये खड़े

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ शहर के डेली मार्केट में आगजनी की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मार्केट में जिन 70 दुकानों में आग लगी है, वहां कोई भी बिजली का कनेक्शन नहीं है। वहां के दुकानदार जेनरेटर चलाकर अपनी दुकान में रोशनी किया करते थे। लेकिन लॉक डाउन में सारी दुकानें बंद हैं। ऐसे में वहां आग लगना कई सवाल पैदा कर रहा है। इस पूरे मामले को विधायक ममता देवी ने भी संदिग्ध माना है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में नहीं हुआ था। ऐसा कई बार हुआ है जब रामगढ़ शहर पूरी तरीके से बंद रहा है। लेकिन कभी भी इस मार्केट में आग नहीं लगी। आज लॉक डाउन में कोई भी घर से बाहर नहीं है। हर तरफ पुलिस का पहरा है। ऐसी स्थिति में आगजनी की घटना पूरी तरीके से संदिग्ध प्रतीत हो रही है। विधायक ने सवाल दागे तो डीसी और एसपी भी मौके पर पहुंचे। शनिवार को डीसी संदीप सिंह ने ट्रेकर स्टैंड स्थित डेलीमार्केट का जायजा लिया। वहां जली दुकानों को उन्होंने देखा और खुद ही अंदाजा लगाया कि यहां तो भारी नुकसान हुआ होगा। हालांकि डीसी ने अभी तक मुआवजे के तौर पर किसी प्रकार की कोई घोषणा नहीं की है। डीसी ने कहा कि जिनकी दुकानें जली हैं, उन्हें तत्काल राशन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी कुछ गलत हुआ है, तो जरूर कार्रवाई होगी। दुकानदारों ने डीसी से छावनी परिषद के सीईओ की भूमिका पर संदेह जताया है।
हादसे के पीछे कोई षड्यंत्र है तो होगी जांच : एसपी
घटना की जांच करने पहुंचे एसपी प्रभात कुमार ने भी स्पष्ट तौर पर कहा कि वह इस पूरे मामले को देख रहे हैं। हर जगह सीसीटीवी खंगाली जाएगी। आगजनी के हादसे के पीछे षड्यंत्र सामने आता है तो कार्रवाई जरूर होगी।
लगातार सफाई दे रहे छावनी परिषद के सीईओ
इस पूरे प्रकरण में छावनी परिषद के सीईओ पिछले 2 दिनों से लगातार अपनी सफाई पेश कर रहे हैं। शनिवार को सीईओ सपन कुमार ने कहा कि पीड़ित दुकानदार बेवजह सरकारी प्रक्रिया को इस हादसे से जोड़ रहे हैं। कहीं अवैध निर्माण कार्य होता है, तो वहां सरकारी प्रक्रिया के तहत दुकानें हटाई जाती हैं। आगजनी की घटना महज एक हादसा है। लेकिन दुकानदारों के द्वारा सीधे तौर पर छावनी परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाया जा रहा है। सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि  डीसी और एसपी को भी इन सारे तथ्यों से अवगत करा दिया गया है। छावनी परिषद उन लोगों की मदद करने में असमर्थ है, क्योंकि हमारे पास मुआवजे का कोई अधिकार नहीं है।
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