चार वर्षो में कृषि विकास में 19 फीसदी की बढ़ोत्तरी : मुख्यमंत्री

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चार वर्षो में कृषि विकास में 19 फीसदी की बढ़ोत्तरी : मुख्यमंत्री
सिटी पोस्ट लाइव, दुमका : दुमका जिले के जामा प्रखंड स्थित मधुबन गांव में प्रमंडल स्तरीय कृषि समागम समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री रधुवर दास ने कहा कि उद्योग एवं कृषि के समग्र विकास के साथ ही समाज, राज्य एवं देश का विकास सम्भव है। कृषि अर्थ व्यवस्था की धूरी है। आर्थिक विकास दर बढ़ाना है तो कृषि का विकास नितांत आवश्यक है। कृषि, खेती, बागवानी एवं पशुपालन तीनों का समन्वित रूप है। आज के वैश्विक युग में किसान को उन्नत बनाकर ही हम विकास कर सकते है।  प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना बनाया जाय।उन्होंने आंकड़ा देते हुए बताया कि वर्ष 2013-14 में कृषि विकास -4.5 था जबकि 2018-19 में यह ग्रोथ $14.29 है। यह हमारे किसानों के मेहनत का ही परिणाम है कि विगत 4 वर्षां में कृषि विकास में 19 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। मैं इन किसानों से गौरवान्वित महशूस करता हूँ। हमारा उद्देश्य गरीबों के चेहरे पर मुश्कान लाना है। झारखण्ड में शुशासन लाना है पारदर्शि शासन लाना है। विकास हमारी प्राथमिकता है। एक समृद्धशाली राज्य की गोद में बसने वाली गरीबी को दूर करना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड की सब्जी की बहुत मांग है। किसान सब्जियों का उत्पादन करें उन्हें बाजार की चिंता नहीं करनी है। निर्यातक उद्यमी अब्दुल हमीद के अनुभव का लाभ लेते हुए उन्हें सब्जियों के निर्यात उपलब्ध कराने के लिए सरकार पहल करेगी। हमारा लक्ष्य है कि झारखण्ड की सब्जी दुनियां में जाये। मुख्यमंत्री में कहा कि आज झारखण्ड में लगभग 400 करोड़ का दूध बाहर से आता है। हमारे युवा सेल्फ हेल्प गु्रप के माध्यम से डेयरी फर्म बनायें। सरकार एक गाय पर 50 प्रतिशत तक सब्सीडी देगी। गांव समृद्धशाली बने। युवा नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें। संताल परगना के हर घर में एक गाय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में बेहतर सम्पर्क बनाने के लिए ई-सर्विस को ध्यानगत रखते हुए सरकार 28 लाख किसानों को निःशुल्क मोबाईल देगी। माह जनवरी से मोबाईल बंटना आरंभ हो जायेगा। कृषि तकनीक को बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को इजराईल भेजा गया था, जहां से वे कृषि की उन्नत तकनीक को सीख कर आये हैं। उन्होंने कहा कि ये किसान अपने अपने गांवों में छोटी छोटी बैठक कर अन्य किसानों को तकनीक बतायें। शीघ्र ही अन्य 100 किसानों को भी भेजा जायेगा। जिसमें से 50 कृषक संथाल परगना के होंगे और इनमें भी 25 महिलायें होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर कई कृषकों के अनुभवों को सुनने का मौका मिला। महिलायें सेल्फ हेल्फ गु्रप के माध्यम से आगे बढ़ रही हैं। अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर कर रही है। ये महिलायें स्वयं जागरूक हैं ये समाज में जायें और अन्य महिलाओं को भी जागरूक करें। उन्होंने इजराईल से लौटे मधुबन के पॉलिहाउस विधि से उत्पादन करने वाले कृषक नुनुलाल बेसरा को अपने विवेकानुदान मद से पचास हजार रु. देने की घोषणा की। इसी प्रकार मशरूम की खेती करने वाली सुचिता कुमारी को इक्कीस हजार, सेल्फ हेल्प ग्रुप की इक्कीस हजार रू0 देने की घोषणा की। ये सभी कृषकों ने अपने अपने अनुभव से मुख्यमंत्री  को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आमजनों की मांग से हम अवगत हैं पूरे राज्य में दो साल के अन्दर जितने भी जाहेर थान एवं अन्य पूजा स्थलों की चाहरदिवारी बना दी जायेगी। मधुबन गांव के नदी से लिफ्ट इरिगेशन की सम्भावना पर उन्होंने प्रतिवेदन की मांग की तथा कहा कि एक सप्ताह के अंदर चापकल का निर्माण कराया दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 तक झारखण्ड में कोई बेघर नहीं रहेगा। सभी गरीबों को प्रधानमंत्री आवास अवश्य उपलब्ध करा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह शिकायत मिली है कि बिजली कनेक्शन के लिए लोगों को 50 रु. की राशि रिश्वत देनी पड़ती है। उपायुक्त इसकी जांच करें। भ्रष्टाचार किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने लोगों से अपील करता की कि यदि कोई गरीब की योजना में रिश्वत मांगे तो तो 181 पर फोन करें। 24 घंटे के अंदर उनके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को सीधे बर्खास्त किया जायेगा। 2019 तक पूरे झारखण्ड में 24 घंटे बिजली व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उनके घरों में भी रौशनी हो उनके बच्चे भी पढ़ाई करें। राज्य के छः जिलों में शत् प्रतिशत बिजली पहुंच चुकी है। शीघ्र ही अन्य जिलों में भी यह कार्य पूरा हो जायेगा। पीडीएस की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा कि राशन डीलर सचेत हो जायें। पकड़े जाने पर उन्हें जेल भी जाना होगा और दुकान भी जायेगी। हर गरीब तक अन्न पहुंचाने के आप माध्यम है, अपने दायित्व कुशलतापूर्वक निभायें।
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