सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि लगातार सूचना आ रही थी कि कोरोना संक्रमण के आड़ में निजी अस्पताल मरीजों का अर्थ दोहन कर रहे थे, इसको ध्यान में देखते हुए सरकार ने विभिन्न चिकित्सीय जांच के लिए दर का निर्धारण कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की यह कोशिश हैं कि मरीजों का इलाज हो और उन्हें आर्थिक बोझ न सहना पड़े, इसके बाद भी यदि कोई अस्पताल नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पताल और नॉन एनएबीएच अस्पतालों के लिए अलग-अलग दर तय की गयी है। इसके तहत राज्य के सभी जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है, पहली कैटेगरी में रांची, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद और बोकारो शामिल है, दूसरी कैटेगरी में हजारीबाग, पलामू, देवघर, सराकेला, रामगढ़ और गिरिडीह हैं। तीसरी श्रेणी में इसमें चतरा, दुमका, गढ़वा, गोड्डा, गुमला, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, साहेबगंज, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम हैं।
वहीं सभी जिला के अस्पतालों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. पहली कैटेगरी एनएबीएच और दूसरी नॉन एनएबीएच है। ग्रुप ए जिला (एनएबीएच) में बिना लक्षण के मरीज के लिए 6000 (पीपीइ किट के साथ), आइसोलेशन बेड 10000 (ऑक्सीजन के साथ), आइसीयू नॉन वेंटिलेटर 15000 (पीपीइ किट के साथ), आइसीयू वेंटिलेटर के साथ 18000रुपये की दर निर्धारित की गयी है। वहीं ग्रुप ए (नॉन एनएबीएच) बिना लक्षण के मरीज के लिए 5500 (पीपीइ किट के साथ), आइसोलेशन बेड 8000 (ऑक्सीजन के साथ), आइसीयू नॉन वेंटिलेटर 13000 (पीपीइ किट के साथ), आइसीयू वेंटिलेटर के साथ 15000, ग्रुप बी जिला (एनएबीएच अस्पताल), बिना लक्षण के मरीज के लिए 5500 (पीपीइ किट के साथ), आइसोलेशन बेड 8000 (ऑक्सीजन के साथ) आइसीयू नॉन वेंटिलेटर 12000 (पीपीइ किट के साथ), आइसीयू वेंटिलेटर के साथ 14400 तय किया गया है।