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सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव ने दी जानकारी, विदेश से 2075 लोग आएंगे बिहार

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सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव ने दी जानकारी, विदेश से 2075 लोग आएंगे बिहार

सिटी पोस्ट लाइव : पटना में शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह एवं पुलिस मुख्यालय से ए.डी.जी जितेन्द्र कुमार ने मीडियाकर्मियों को कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न हालात के बाद सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। सूचना एवम् जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि बिहार के जो भी श्रमिक, छात्र-छात्राएं एवं अन्य बाहर से बिहार वापस आ रहे हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या ना हो। ब्लाक क्वारांटिन सेंटर के अलावा पंचायत क्वारांटिन सेंटर में भी व्यव्स्था चुस्त-दुरुस्त रखे जाने का निर्देश दिया गया। स्वास्थ विभाग को निर्देश दिया गया कि जिले स्तर पर गुणवत्तापूर्ण टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

रोजगार सृजन को लेकर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को निर्देश दिया कि लोगों को रोजगार की कोई समस्या ना हो, आपदा की घड़ी में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले, इसके लिए कारगर कदम उठाए जाएं। रोजगार सृजन को मूर्त रुप देने के लिए सूबे में स्किल सर्वे का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए लगातार समीक्षा करने और फ्रांटलाईन वर्कर्स के साथ अच्छा व्यवहार करने की जरुरत है। इस साल फरवरी,मार्च और अप्रैल में आसमयिक बारिश एवं ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति के लिए कृषि इनपुट अनुदान के लिए राज्य सरकार ने 630 करोड़ की राशि स्वीकृत की है, किसानों को फसल क्षति का अनुदान यथाशीघ्र देने का भी निर्देश दिया गया। सूचना सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री कोरोना से उत्पन्न हालात के हर पहलूओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और जरुरतमंद को हरसंभव मदद का लगातार निर्देश दे रहे हैं।

सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव ने कहा कि आज दूसरे प्रदेशों से प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य को लेकर 17 ट्रेनें बिहार आ रही हैं जनमें 20629 लोग आ रहे हैं। शनिवार को 15 ट्रेनों के आने की सूचना है जनमें 18115 लोगों के आने की सूचना है। 1 मई से 7 मई तक 53 ट्रेनों से 62274 लोग बिहार आ चुके हैं। सूचना सचिव ने कहा कि विदेश से वापस बिहार आने वाले लोगों की सूचना विदेश मंत्रालय ने राज्य सरकार को दी है। ऐसे 2075 लोग वापस बिहार आएंगे, जिनमें 632 लोग यूक्रेन से, बंग्लादेश से 480 एवं 360 लोग ओमान से एवं अन्य देशों से वापस आएंगे, ये सभी लोग गया पहुंचेगे। गया में हीं इनके लिए क्वारांटिन की व्यवस्था की गई है। हलांकि इनके आने की तारिख अभी तय नहीं है।

अनुपम कुमार ने कहा कि बिहार में 180 आपदा राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं जिसका लाभ 69 हजार 3 सौ लोग उठा रहे हैं। पंचायत स्तर पर स्थित 988 क्वारेंटाईन सेंटर में 8 हजार 8 सौ लोगआवासित हैं, जिन्हें भोजन और चिकित्सीय जाँच की सुविधा मुहैया करायी जा रही है। ब्लाक स्तर पर 3314 क्वारांटिन सेंटर में 44 हजार 8 सौ 69 लोग आवासित हैं। लाँकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे बिहार के 19 लाख 51 हजार आवेदकों के खाते में मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता के अंतर्गत 1000 रूपये की राशि भेज दी गई है। 1 करोड़ 23 लाख राशनकार्डधारी परिवारों के खाते में 1000 रुपये की सहायता राशि भेज दी गई है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जानकारी देते हुए एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कहा कि लाँकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है और कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों में जो अवरोध पैदा कर रहा है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।पिछले 24 घंटे में 17 एफआरआई दर्ज किए गए हैं, 39 गिरफ्तारियां हुई हैं और 1175 वाहन जब्त किए गए है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अब तक कोरोना संक्रमण के 30320 जाँच किए जा चुके हैं, जिनमें से 564 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पिछले 24 घंटे में 49 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, अब तक कुल 267 लोग कोरोना से स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैं। कोरोना संक्रमण से अब तक 47 फीसदी लोग ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बिहार में सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी देते हुए परिवहन सचिव ने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी लोगों को लाने के लिए लगातार दूसरे राज्यों से संपर्क में हैं। 24 घंटे ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। कोटा से छात्रों को लाने के लिए राज्य सरकार के अनुरोध पर केन्द्र ने ट्रेन की अनुमति दी। अब तक 11 ट्रेनों से 13473 छात्र कोटा से बिहार वापस आ चुके हैं। बिहार के 10 स्थानों पर कोटा से इन्हें पहुंचाया गया जिससे इन्हें सड़क मार्ग से कम दूरी तय करनी पड़े। राज्य सरकार ने इसके लिए रेलवे को अग्रिम भुगतान किया। राज्य सरकार ने 11 ट्रेनों के लिए रेलवे को 78 लाख 43 हजार रुपये का अग्रिम भुगतान किया। ट्रेन से जो भी बच्चे बिहार के अलग अलग हिस्से में पहुंचे हैं , उनके पैरेंट्स ने राज्य सरकार को पूरी व्यवस्था करने के लिए धन्यवाद किया है। राज्य सरकार ने प्रोटोकाल के मुताबिक श्रमिकों, छात्र-छात्राओं एवं अन्य के ट्रेन से आने एवं उनके गृह जिले तक पहुंचाने तक पुख्ता व्यवस्थाएं की हैं। जिले स्तर पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक खुद इसका मानिटरिंग करते हैं। जो छात्र- छात्राएं यहां पहुंचे हैं उन्हें होम क्वारांटिन किया गया है और इसको लेकर उनसे एक शपथ पत्र भी लिया गया है।

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