सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के कृषिमंत्री बादल ने कहा है कि केंद्र सरकार से कोई सहयोग नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने अपने आतंरिक संसाधनों के माध्यम से किसानों की कर्जमाफी के लिए 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर रही है। कृषिमंत्री ने कहा कि किसान देश के लिए आत्मा के समान है, परंतु केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने देश की आत्मा को ही बेच देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में 20लाख करोड़ पैकेज की घोषणा की गयी, एक भी किसान यह बता दें कि उन्हें कुछ भी केंद्र सरकार से सहायता राशि मिली है। बादल ने कहा कि जब भी केंद्र सरकार से लोग हिसाब मांगते है, तो कोई विवादस्पाद कानून ला कर लोगों का ध्यान हटाकर लोगों का ध्यान मूल समस्याओं की ओर से हटाने की कोशिश करते है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी का हजारों करोड़ बकाया है, संवैधानिक और नैतिक बाध्यता के बावजूद अब केंद्र सरकार की ओर से राज्य को कर्ज लेने की सलाह दी जा रही है, झारखंड का जो अधिकार है, वह भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से झारखंड जैसे उत्पादक राज्यों का दोहन हो रहा है, केंद्र सरकार यहां से प्राकृतिक संपदा का दोहन कर ले जा रही है और राजस्व संग्रहण कर रही है, लेकिन झारखंड की अनदेखी की जा रही है। जब भी लोग केंद्र सरकार से अपने हक-अधिकार की मांग करते है, तो केंद्र सरकार की ओर से भावनात्मक मुद्दे उठाकर लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश की जाती है।