नालंदा : धूम-धाम से मनायी गयी सुभाष चंद्र बोस की 122 वीं जयंती

City Post Live - Desk

नालंदा : धूम-धाम से मनायी गयी सुभाषचंद्र बोष की 122 वीं जयंती

सिटी पोस्ट लाइव : बिहारशरीफ के सुभाष चंद्र बोस पार्क में महान क्रातिकारी, भारत रत्न नेताजी सुभाषचंद्र बोष की 122 वीं जयंती “देश प्रेम दिवस” के रूप में धूमधाम से मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता लोकप्रिय युवा समाजसेवी सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बेंक लि० बिहारशरीफ, नांलदा- अध्यक्ष सह निदेशक- बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लि० पटना अमरेन्द्र कुमार मुन्ना ने तथा संचालन समाजसेवी बिहार अराजपत्रित प्रारम्भिक शिक्षक संघ के राज्य परिषद सदस्य राकेश बिहारी शर्मा ने किया।

सुभाषचंद्र बोष पार्क के परिसर में उनके प्रतिमा पर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बेंक लि० बिहारशरीफ-नांलदा के अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार मुन्ना तथा वरीय उपसमाहर्ता रामबाबू, शिक्षक नेता राकेश बिहारी शर्मा, समाजसेवी शक्ति शरण माथुर सहित सभी साहित्यकारों, कवियों व समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित की।

कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बेंक लि० बिहारशरीफ, नांलदा- अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार मुन्ना ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वीर योद्धा, महान क्रातिकारी, भारत रत्न नेताजी सुभाषचंद्र बोष आजाद हिन्द फौज के एक कुशल सेनापति थे। उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी के कारण ही आज हम लोग उनको याद करते हैं। नेताजी एक ऐसे जुझारू नेता थे जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर अंग्रेजों को खदेड़ने का काम किया। उन्होंने आजाद हिंद फौज का नेतृत्व करते हुए देश से अंग्रेजों को भगाने के लिए जापानी सेना की मदद से 1943 से 1945 तक युद्ध लड़ा।

समारोह में पतंजलि योग समिति बिहार प्रदेश संरक्षक उदय शंकर प्रसाद ने मौके पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जीवन और उनकी मौत दोनों ही रहस्यमयी रहे। भारतीय युवक आज भी उनसे प्रेरणा ग्रहण करते हैं। हमें नेताजी के सपनों को साकार करने के लिए उनके जीवन संघर्ष, त्याग, बलिदान की कहानी को घर-घर पहुचाना है। वही महान क्रातिकारी नेताजी को सच्ची श्रद्धाजलि होगी।

पतंजलि योग समिति नालंदा के अध्यक्ष रामजी प्रसाद यादव ने कहा कि हमें नेता जी से देश के प्रति समर्पण की भावना सीखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सुभाष चंद्र बोस ने देश के लिए जो किया है वह कोई और नहीं कर सकता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए बिहार अराजपत्रित प्रारम्भिक शिक्षक संघ के राज्य परिषद सदस्य समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि आजाद हिन्द फौज की स्थापना कर देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वीर योद्धा नेताजी सुभाषचंद्र बोस एक महान क्रातिकारी भारतीयता की पहचान ‘जयहिन्द’ का नारा देने वाले, भारत की अमूल्य निधि व एक कुशल कर्मयोगी योद्धा थे।

सुभाषचंद्र बोस जी ने अपनी जान की बाजी लगाकर हमें आजादी दिलवाई, आज उनके बदौलत ही हम खुली हवा में साँस ले रहे हैं। नेता शिरोमणि सुभाष चंद्र बोस जी की ये पंक्तिया आज भी हमारे अंदर जोश भर देती है जो वे उस समय गाया करते थे। “कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की, तू इसे कौम पर लुटाए जा”। अब हमारा यह कर्तव्य बनता है कि उनका अधूरा सपना पूरा करे, उपस्थित लोगों को उन्होंने बताया कि नेता जी मात्र 23 वर्ष की आयु में आइसीएस की परीक्षा में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में चौथा स्थान प्राप्त करने के उपरांत देश सेवा हित में नौकरी से त्याग पत्र देकर अंग्रेजी सरकार की नौकरी को ठोकर मार दी थी और भारत की आजादी में कूदे थे। इस महान क्रातिकारी भारत रत्न नेताजी सुभाषचंद्र बोष के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

मशहूर शायर व नामचीन साहित्यकार बेनाम गिलानी ने कहा कि देश हित में नेताजी द्वारा किए गए कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक संपन्न परिवार में हुआ था। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा बुलंद कर वे युवाओं की फौज तैयार की थी और देश से अंग्रेजों को भगाने का कार्य किए। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

नालंदा से प्रणय राज की रिपोर्ट

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