सिटी पोस्ट लाइव : जेडीयू ने आरजेडी को नसीहत देते हुए कहा है कि सवर्णों का हितैषी बनने का ढोंग छोड़ दें। वहीं प्याज के बहाने नकली आंसू न बहाने की नसीहत भी तेजस्वी यादव को दी है।
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि चुनाव के समय सवर्ण समाज से आने वाले आरजेडी के कुछ छूट भैये नेता सवर्ण समाज से चुनाव में आरजेडी और महागठबंधन को वोट देने की अपील कर रहे हैं लेकिन सवर्ण समाज यह बात नहीं भूला है की आरजेडी ने सदन के अंदर गला फाड़ फाड़ कर सवर्ण आरक्षण का कैसे विरोध किया था।वह लालू प्रसाद यादव जी ही थे जिन्होंने समाज को बांटने वाली राजनीति हमेशा की और भूरा बाल साफ करो का नारा दिया।
अभिषेक झा ने कहा कि एक तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने पिता के कृत्यों की माफी मांगते हैं और दूसरी तरफ उन्ही के पद चिन्हों पर चलकर जात पात की राजनीति करते हैं। अभी रोहतास में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब लालू जी की सरकार थी तब गरीब बाबू साहेब के सामने सीना तान कर चलता था।
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की जनता तेजस्वी यादव जी से पूछना चाहती है कि क्या गरीबी का कोई जात और धर्म होता है?तेजस्वी यादव जी लाख कोशिश कर ले जनता को जाति के नाम पर बांटने की लेकिन 15 वर्षों में बिहार की जनता इन सब चीजों से ऊपर उठ चुकी है और विकास के नाम पर ही वोट करेगी।महागठबंधन और आरजेडी कहीं नहीं टिकेंगे।
वहीं अभिषेक झा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी चुनाव प्रचार पर निकलने से पहले प्याज की माला दिखाते हैं और महंगाई की बात करते हैं। इतने वर्षों तक आरजेडी केंद्र की सरकार में कांग्रेस के साथ रहा लेकिन उस वक्त महंगाई के मुद्दे पर इनकी जुबान से कुछ नहीं निकलता था। वह बात अलग है कि उनके पिता आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी उस वक्त धन और संपत्ति बनाने में लगे हुए थे।जब भी प्रदेश पर आर्थिक संकट आता है तो हमारी सरकार ही सब्सिडी देकर लोगों की मदद करती है।
उन्होनें कहा कि तेजस्वी यादव जी की प्याज की माला में प्याज की संख्या कम थी। बिहार के युवा इन से पूछना चाहते हैं की इनके घर में धन-संपत्ति की क्या दिक्कत है?इतनी कम संख्या में यह प्याज लेके क्यों निकल रहे हैं?
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि खैर प्याज काटने से जो नकली आंसू निकलते हैं वह तेजस्वी यादव जी को बहाने की जरूरत नहीं है। जनता सब समझती है और इनके झांसे में नहीं आने वाली है।तेजस्वी यादव जी को चुनाव प्रचार पर प्याज ले जाना ही चाहिए क्योंकि प्रचार लंबा हो जाता है और यही प्याज उनके भुजा और सत्तू खाने के काम में आएगा।