सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की टीम बिहार दौरे पर है. इसी क्रम में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (Chief Election Commissioner Sunil Arora) ने पटना में मीडिया से भी बात की. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि निर्वाचन आयोग राज्य में सुरक्षित निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिये कटिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से धार्मिक और जातीय भावनाओं को भड़काया गया तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और IT और IPC एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह चुनाव कोरोना काल में करवाया जा रहा है जो कोई आसान काम नहीं, बल्कि दुरुह है. हालांकि कोरोनावायरस के संक्रमण के दौर में भी चुनाव कराना कोई गलत फैसला भी नहीं कहा जा सकता है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रथम चरण की आज शुरुआत हो गई है. चुनाव आयोग की टीम ने सभी संबंधित विभागों से मंत्रणा भी की है और कई फैसले लिए हैं. उन्होंने बताया कि कोविड 19 को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है जिसके तहत 80 साल से ऊपर और दिव्यांग तभी मतदान करने आएंगे जब वे आने में सक्षम हों. नहीं तो घर से ही उनको वोट देने की सुविधा होगी. वहीं कोविड पॉजिटिव भी मतदान के आखिरी वक्त में वोट करेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि केवल वर्चुअल कैम्पेन नहीं बल्कि एक्चुअल कम्पैन भी होंगे. जिलावार हॉल और ग्राउंड की सूची तलब की गई है. डीएम और एसपी की मदद से यह काम सीईओ देखेंगे. 2 गज की दूरी का मानक रखना होगा जरूरी होगा. उन्होंने कहा कि राज्यसभा और विधानसभा चुनाव में काफी अंतर होता है इसके मद्देनजर आयोग ने कई निर्णय लिए हैं. इननमें पोलिंग स्टेशन की संख्या 65, 000 से बढ़ाकर 1 लाख 6 हजार से अधिक की गई है. 2015 में जहां 6.7 करोड़ वोटर थे, वहीं 2020 में 7.29 करोड़ मतदाता बिहार में हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिये लोकसभा की तरह व्यवस्था की जा रही है. सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए हमारा वर्तमान कानून बहुत कारगर नहीं है, इसे और स्ट्रॉंग होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस साल कोरोनावायरस ने माहौल बदल दिया है और वर्चुअल मीटिंग जैसी कई नई शब्दावलियों से परिचित हो रहे हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कई राजनीतिक दलों ने कोरोनाकाल मे सोशल डिस्टेंसिंग का मुद्दा उठाया है. पो स्टल बैलेट के बारे में कुछ दलों ने बात की है. बुजुर्ग और विकलांग मतदाताओ को समय पर वोटिंग की अपील की गई. कमजोर वर्ग के लिये भी सुरक्षा की मांग रखी गई. कुछ दलों ने बाढ़ का मुद्दा ऊठाया.
गृह सचिव के लंबे समय से पद पर बने रहने के सवाल पर चुनाव आयुक्त सनील अरोड़ा (Chief Election Commissioner Sunil Arora) ने कहा कि जरूरत पड़ने पर आयोग किसी को हटा सकता है. डीजीपी, मुख्यसचिव तक को बाहर किया है, लेकिन राज्य सरकार किसी को बनाये रखती है और वे नियम-कानून के दायरे पर काम कर रहे हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा.