आठवें चरण के पंचायत चुनाव में बदलाव की बयार, 26 पंचायतों में से 20 मुखिया को मिली हार

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में पंचायत चुनाव के आठवें चरण में भी बदलाव की बयार देखने को मिली. 8वें चरण में 92 हजार 376 उम्मीदवार मैदान में थे. इसमें 66 लाख 55 हजार 233 मतदाताओं ने मतदान किया था. इनमें 31 लाख 52 हजार 763 महिला मतदाता, जबकि 35 लाख 2 हजार 260 पुरुष मतदाता थे. इस चरण में वोटरों के लिए कुल 11 हजार 527 मतदान केंद्र बनाए गए थे. शिवहर में आठ पंचायतों में से पांच मुखिया की कुर्सी चली गई तो एक मुखिया ने जीत की हैट्रिक बनाई है. वहीं दो मुखिया को जनता ने दोबारा मौका दिया. वहीं नवादा जिला परिषद प्रादेशिक निवार्चन क्षेत्र 14 से दुलारी देवी जीतीं. जबकि नवादा के नारदीगंज प्रखंड जिला परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र 15 से पूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव के भतीजे अशोक यादव दूसरी बार चुवा जीते हैं.

हालांकि नवादा में सबसे अधिक बदलाव देखने को मिला है. नवादा और नारदीगंज प्रखंड के कुल 26 पंचायतों में से 20 मुखिया इस बार चुनाव हार गए. केवल छह प्रत्याशियों ने अपनी कुर्सी बचाई. 26 पंचायतो में से 13 पंचायतों में महिला उम्मीदवारों ने बाजी मारी. वहीं जिला परिषद की 4 सीटों में 3 पर नए चेहरों को कामयाबी मिली. एकमात्र नारदीगंज उत्तरी सीट पर निवर्तमान पार्षद अशोक यादव अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे.सदर प्रखंड के पूर्व पंचायत से सोनी देवी इस बार निर्वाचित हुई हैं. वह बेउर जेल में रहते हुए चुनाव जीती हैं.

मिली जानकारी के अनुसार सोनी देवी फिलहाल आय से अधिक संपत्ति व गबन के मामले में पटना के बेउर जेल में बंद हैं. उन्होंने एमएलसी व विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे श्रवण कुशवाहा की पत्नी ममता देवी को हराया है. श्रवण कुशवाहा जैसे कद्दावर नेता को हराने के बाद इलाके में इनके खूब चर्चे हो रहे हैं. वहीं, इस परिणाम से समर्थक सकते में हैं. नारदीगंज प्रखंड के परमा पंचायत की मुखिया दर्शनिया देवी रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की है. इन्होंने  जीत की हैट्रिक लगाई है. दर्शनिया देवी के 84 साल में मुखिया बनने के इलाके में खूब चर्चे हो रहे हैं. एक तरफ जहां नए लोगों की ग्राम पंचायत में एंट्री हो रही थी. वहीं बदलाव की बयार में उनकी यह जीत चर्चा के केंद्र में रहा है.

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