सिटी पोस्ट लाइव :पहलीबार पटना की जनता अपना मेयर चुनने जा रही है.मैदान में कई खिलाड़ी हैं लेकिन बाजी कौन मारेगा?पटना में मेयर का चुनाव 28 दिसंबर को होना है. सितंबर माह में ही इसके लिए नामांकन पर्चा भरा जा चुका है. मेयर पद के लिए 33 ने नामांकन भरे थे. सभी उम्मीदवारों का नामांकन पत्र वैध पाया गया. इसके लिए उम्मीदवार प्रचार अभियान तेजी से चला रहे हैं.पटना मेयर की सीट महिला के लिए आरक्षित है. इसलिए ज्यादातर उम्मीदवारों के पोस्टर पर उनके पति की फोटो दिख रही है. लेकिन कुछ उम्मीदवारों की अपनी पहचान भी है.
निवर्तमान मेयर सीता साहु फिर से मैदान में हैं. सीता साहु जब मेयर बनीं थीं, उस समय भी चुनाव पार्टी के आधार पर नहीं हुआ था. लेकिन वे भाजपा गुट से थीं. वे वार्ड 58 की पार्षद थीं. तब मेयर का चुनाव जनता सीधे वोट देकर नहीं करती थी बल्कि पार्षदों के वोट के बहुमत के अनुसार मेयर चुने जाते थे.सीता साहु ने महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार रजनी देवी को तीन मतों से हराया था. सीता साहु को कुल 75 पार्षदों में से 38 वोट मिले थे और रजनी देवी को 35 वोट मिले थे. दो वोट अवैध घोषित किए गए थे. निगम के 62 साल के इतिहास में पहला अवसर था, जब सीता साहु के रूप में पहली मेयर चुनी गई थीं.
सीता साहु से पहले अफजल इमाम पटना के मेयर थे. पूर्व मेयर अफजल इमाम ने अपनी पत्नी डॉ. मजहबीं को मैदान में उतारा है. इसके बाद से भाजपा समर्थित उम्मीदवार सीता साहु और मजहबीं के बीच सीधी टक्कर दिख रही है. सीता साहु को ज्यादा फायदा इसलिए मिल सकता है कि वे मेयर रहीं और उनका चेहरा ज्यादा लोग विभिन्न पोस्टरों, बैनरों के साथ ही विभिन्न आयोजनों में देखा है. वे मेयर रहीं इसलिए मीडिया में भी उस समय उनको काफी कवरेज मिला.इस वजह से उनके सामने पहचान का कोई संकट नहीं है. मजहबीं की पहचान उनके पति अफजल इमाम की वजह से है. उनका चेहरा सीता साहु की तरह जाना पहचाना नहीं है लेकिन अफजल इमाम को सभी जानते हैं.मानकर चलिए सीधे लड़ाई इन्हीं दो उम्मीदवारों के बीच है.