कोरोना वायरस से बचने के लिए WHO के खान-पान के ये पाँच टिप्स रखिए याद.
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना की वजह से लोगों के रहन सहन का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. कामकाज, साफ़-सफ़ाई से लेकर खान-पान के तौर-तरीक़े पूरी तरह से बदल गए हैं. लोगों की प्राथमिकता में स्वास्थ्य और ख़ासकर खान-पान और स्वच्छता का मुद्दा अचानक सबसे ऊपर आ गया है. कुछ लोग इस बात को लेकर चिंतिंत हैं कि क्या कोविड-19 की बीमारी खाने-पीने की चीज़ों से भी फैलती है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सुरक्षित खान-पान को लेकर पांच ज़रूरी टिप्स शेयर किए हैं.हमेशा स्वच्छ रहें.खाना बनाने से पहले और खाना बनाने के दौरान हाथ ज़रूर धोते रहें.टॉयलेट जाने के बाद हाथ साफ़ करें.खाना बनाने की जगह, चूल्हे और बर्तन अच्छी तरह से धोएं और उन्हें सैनिटाइज़्ड करें.रसोई घर को कीड़े-मकौड़ों और दूसरे जानवरों की पहुंच से सुरक्षित रखें.
ज़्यादातर सूक्ष्म जीव कोई बीमारी नहीं फैलाते हैं लेकिन इनमें कुछ ऐसे ख़तरनाक़ जीव भी होते हैं जो मिट्टी, पानी, जानवरों और इंसानों में व्यापक रूप से पाए जाते हैं.ये सूक्ष्म जीव हमारे हाथ, साफ़-सफ़ाई के काम आने वाले कपड़े, बर्तन, कटिंग बोर्ड (सब्जियां काटने के इस्तेमाल आने वाला बोर्ड) पर मौजूद रहते हैं.अगर खाने-पीने की चीज़ से इनका जरा सा भी संपर्क हुआ तो खान-पान से होने वाली बीमारियां होने का ख़तरा रहता है.
पॉल्ट्री उत्पाद, कच्चे गोश्त और सीफूड (समंदर में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का मांस, जैसे मछली) को खाने-पीने की दूसरी चीज़ों से अलग रखें.कच्चे भोजन को हैंडल करते वक़्त अलग बर्तनों जैसे चाकू और कटिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें.तैयार खाना और कच्चे भोजन के बीच किसी तरह का संपर्क न हो इसके लिए खाने-पीने की चीज़ों को कंटेनर में रखें.कच्चा भोजन ख़ासकर मांस, पॉल्ट्री उत्पाद और सीफूड में ऐसे ख़तरनाक सूक्ष्म जीव हो सकते हैं जो पकाए जाने के दौरान खाने-पीने की दूसरी चीज़ों को संक्रमित कर सकते हैं.
ख़ासकर गोश्त, पॉल्ट्री उत्पाद, अंडे और सीफूड को अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए.सूप और स्टू जैसी चीज़ों को उबालते समय ये सुनिश्चित करें कि तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक ज़रूर जाए. मांस और पॉल्ट्री उत्पाद तैयार करते वक़्त ये ख्याल रखें कि शोरबा गुलाबी न रहे. सबसे अच्छा तो यही रहेगा कि टेम्प्रेचर जांच के लिए आप थर्मामीटर का इस्तेमाल करें.पके हुए खाने को अच्छी तरह से दोबारा गर्म करें.
अगर खाना अच्छी तरह से पकाया जाता है तो इससे सभी सूक्ष्मजीव पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं.रिसर्च से ये बात सामने आई है कि 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर खाना पकाने से ये सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि वो खाना खाने लायक हो गया है.कीमा या साबुत मुर्गा पकाते समय ख़ास ध्यान रखने की ज़रूरत है.सुरक्षित तापमान पर भोजन सुरक्षित रखें.पके हुए खाने को कमरे के सामान्य तापक्रम पर दो घंटे से ज़्यादा समय के लिए न रखें.तैयार खाने और ख़ासकर जल्द ख़राब हो जाने वाले भोजन को पांच डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर फ्रिज में रखें.
खाना परोसने से पहले उसे तेज़ आंच (60 डिग्री सेल्सियस तापमान से ज़्यादा) पर गर्म करें.फ्रिज में भी खाना ज़्यादा समय के लिए स्टोर न करें.फ्रोज़ेन फूड यानी जमी हुई चीज़ों को कमरे के सामान्य तापक्रम पर पिघलने के लिए न छोड़े.पके हुए खाने को कमरे के सामान्य तापक्रम में रखे जाने से सूक्ष्मजीव तेज़ी से विकसित हो सकते हैं.पांच डिग्री से कम और 60 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा तापमान पर सूक्ष्म जीव का विकास या तो रुक जाता है या फिर सुस्त हो जाता है.हालांकि कुछ ख़तरनाक़ सूक्ष्मजीव ऐसे भी होते हैं जो पांच डिग्री से कम तापमान पर भी विकसित होते रहते हैं.