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जगदानंद सिंह के कुर्सी छोड़ने के पीछे कौन है कारण?, क्या बोले तेज प्रताप यादव

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की सियासत कभी ठंडी रहे ऐसा मुमकिन ही नहीं है. लोजपा के बाद राजद में खलबली तब मच गई जब अचानक राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया. बताया जा है कि इसके पीछे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप हैं. हालांकि पद छोड़ने का कारण सीधे तौर पर शारीरिक अस्वस्थता बताया गया और कहा गया कि उन्होंने इसकी सूचना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और राजद नेता तेजस्वी यादव को भी दे दी.

खबर यह भी आई कि उनका इस्तीफा फिलहाल स्वीकार नहीं हुआ. इसी बीच तेजस्वी यादव के अचानक दिल्ली जाने से खबरों ने और जोर पकड़ लिया. जगदानंद सिंह के इस्तीफे की खबर के सियासी मायने भी निकाले जाने लगे. बताया गया कि हाल के दिनों में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के उनके प्रति किए गए आचरण से वे बेहद आहत थे और इससे परेशान होकर ही उन्होंने इस्तीफा दिया. हालांकि इस खबर का लालू यादव के बड़े बेटे व राजद विधायक तेज प्रताप यादव ने खुद खंडन किया.

तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को  दानापुर में अपने एलआर अगरबत्ती के शोरूम के उद्घाटन के मौके पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के इस्तीफे पर बोलते हुए कहा कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है. जगदानंद सिंह ने ही इस बात का खंडन कर दिया है. ऐसा कोई मामला भी नहीं आया है. हमारी पिता जी यानी लालू प्रसाद यादव से भी बात हुई है, उन्होंने भी कहा है कि इस्तीफा की कोई बात नहीं है.

हालांकि जगदानंद सिंह से जब इस बात पर मीडिया ने पूछा तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. उन्होंने ना तो इस्तीफा देने की खबरों से इनकार ही किया और ना ही इस खबर का खंडन  किया. गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से तेजप्रताप यादव जगदानंद सिंह से विद्के हुए हैं. आए दिन कोई न किस न किसी मौके पर सीधे न सही लेकिन घुमा फिराकर जगदानंद सिंह को टारगेट पर ले ही लेते हैं. मौका चाहे राजद के स्थापना दिवस का हो या कोई और वे उन्हें निशाना जरुर बनाते हैं. जाहिर है इस बात से कहीं न कहीं जगदा बाबू नाराज हैं. यही वजह है कि शुक्रवार को अचानक से उनके इस्तीफे की खबर सामने आ गई.

हालांकि इस बात पर जगदानंद सिंह ने कोई बयान नहीं दिया. उल्टा मीडिया पर विदक गए. उन्होंने कहा कि बुद्दी है तो दिमाग लगाइए. अगर इस्तीफा दिया होता तो क्या मैं यहां बैठा होता. आप लोगों को जो चलाना है चलिए, इसके लिए आप स्वतंत्र हैं लेकिन इस बात पर किसी तरह की कोई भी टिका टिप्पणी नहीं करूंगा. जाहिर है जगदा बाबू तबतक पुष्टि नहीं करना चाहते जबतक उनका इस्तीफा स्वीकार न हो जाए.

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