बिहार : वायरल फीवर का कहर जारी, डॉक्टर्स ने सतर्कता बरतने की दी सलाह

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव: बिहार में लोग अभी कोरोना की मार झेल ही रहे थे कि इस बीच वायरल फीवर ने दस्तक दे डाली. बिहार के कई जिलों में वायरल फीवर ने अपना पैर पसार दिया है. वहीं, वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे मंगलवार के दिन अस्पताल पहुंचते रहे. बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले 946 बच्चे सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे, वहीं 50 गंभीर बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट कराया गया. वहीं, बिहार में वायरल बुखार के कारण कोहराम मचा हुआ है. तो वही दूसरी ओर एक राहत भरी खबर भी है.

दरअसल, 78 बच्चों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है. किसी भी बच्चे में चिकनगुनिया, मलेरिया या अन्य कोई बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि वायरल पीड़ित बच्चों की जांच में 2 डेंगू से संक्रमित पाए गए हैं. वहीं, बिहार में डेंगू से संक्रमित बच्चे को सबसे बड़े अस्पताल पटना स्थित पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है. पूर्णिया जिले में इन दिनों वायरल फीवर के बीच 25 बच्चों के सैंपल जांच में कुल पांच डेंगू और 3 मलेरिया के रोगी निकलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब सतर्क हो गया.

वहीं, वायरल फीवर की वजह से बिहार में जगह-जगह दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है. साथ ही बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है. वहीं डॉक्टरों की  माने तो, मलेरिया और डेंगू जैसे रोगों से बचने के लिए सावधानी बरतने की आवश्कता है. उनका कहना है कि हमने अपने आसपास साफ-सफाई रखने की जरूरत है. पानी जमा होने नहीं देना है. क्योंकि जमा हआ पानी मच्छर का वाहक होता है.

समय-समय पर दवाओं का छिड़काव करना है. जमे पानी में मिट्टी के तेल भी डाल सकते हैं. वहीं, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों का भी मानना है कि बारिश के साथ-साथ बदले मौसम में बीमारियां अचानक से बढ़ गई हैं. इनमें वायरल फीवर और टाइफाइड के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. मरीजों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द के लक्षण हैं. आलम यह है कि ओपीडी में मरीजों की कतार लग रही हैं.

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