हंगामे की भेंट चढ़ गया बिहार विधान सभा का सत्र, 32 लाख रूपये का सवाल.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधान सभा का शीतकालीन सत्र ( Winter session of Bihar Legislative Assembly ) भी हंगामे की भेंट चढ़ गया.. पिछले चार दिनों में से विधान सभा (Legislative Assembly proceedings) की कार्यवाही चल रही है.हर रोज हंगामा हो रहा है. हंगामे की वजह से सत्र ठीक से चल नहीं पा रहा. जनता की समस्याओं से जुड़े सवाल जबाब नहीं हो पा रहे. सत्ता पक्ष सदन नहीं चलने देने का आरोप विपक्ष पर लगा रहा है लेकिन सत्ता पक्ष हंगामे को अपना कर्तव्य बता रहा है.
बिहार विधान सभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अबतक सिर्फ एक सवाल ही पूछा जा सका है. बुधवार को बीजेपी नेता मिथिलेश तिवारी ने ग्रामीण विकास विभाग से पूछा गया सवाल ही पटल पर आ सका, जिसका जवाब ग्रामीण विकास मंत्री ने दिया.मिथिलेश तिवारी ने सवाल किया कि केंद्र और बिहार के योजनाओ का लाभ लेने के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओ में जिन लोगों के नाम छूट गए हैं, ऐसे सारे लोगों के नाम शामिल किए जाएं. ग्रामीण विकास मंत्री ने सदन में आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द से जल्द वैसे सारे लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे जिनके नाम छूट गए हैं.
छार दिनों से सत्र चल रहा है. केवल एक दिन सत्र बाकी है.लेकिन सवाल सिर्फ एक हुआ. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष इतना हंगामा कर दे रहा है कि कोई सवाल ही नहीं पूछ पा रहा. विधान सभा के पोर्टिको में विपक्ष के नेता केवल नारेबाजी करते नजर आते हैं.कभी बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार तो कभी आरक्षण और NRC जैसे मामलों को लेकर विपक्ष हंगामा करते रहता है.सदन की कार्यवाही बिलकुल नहीं चल पा रही है.अगर किसी तरह सदन के अंदर कार्यवाही शुरू होती भी है तो आरजेडी और कांग्रेस के नेता वेल में पहुंच जा रहे हैं और जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि सदन के एक दिन की कार्यवाही चलाने में 8 लाख रुपए खत्म होते हैं. जनता के टैक्स के पैसे से ही सदन चलता है.सवाल ये उठता है कि जनता के सवालों से जुड़े मुद्दों पर नेता बेफिक्र क्यों हैं? विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने के मामले में जहां विपक्ष जहां सत्ता पक्ष पर सवाल खड़े कर रहा है वहीं, सत्ता पक्ष विपक्ष को दोषी मान रहा है. आरजेडी नेता भोला यादव ने सत्ता पक्ष पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार चाहती ही नहीं है की जनता के मुद्दे सदन में उठे. विपक्ष बढ़ते अपराध और महंगाई के सवालों को कार्य स्थगन के माध्यम से पटल पर ला रही है पर सभी कार्य स्थगन प्रस्ताव रद्द कर दिए जा रहे हैं.
दूसरी तरफ संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष को जनता की समस्याओं और परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं. विपक्ष अपना कोई सवाल नियमावली के अनुसार पटल पर उठाएगा तो सारे प्रश्नों का जवाब देने के लिए सरकार तैयार है. विपक्ष सवाल उठाने से डरता है.जाहिर है सत्ता पक्ष विपक्ष दोनों ही द्वारा अपनी जिम्मेवारियों का ठीक से निर्वहन नहीं किया जा रहा है.