मोदी के मंत्री का न्यायपालिका पर अबतक का सबसे बड़ा हमला ,ये कैसी राजनीति ?

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उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि  इस मसले पर पार्टी सभी राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिख कर समर्थन मांगेगी.उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चारों स्तंभ में न्यायपालिका को सबसे अधिक सम्मान प्राप्त है. इसलिए जिम्मेदारी भी अधिक होनी चाहिए मगर, स्थिति विपरीत है. देश में चाय बेचने वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री और अखबार बेचने वाला राष्ट्रपति बन सकता है, लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं बन सकता. कॉलेजियम सिस्टम के कारण प्रतिभा प्रभावित हो रही है.

सिटी पोस्ट लाईव :रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केन्द्रीय राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने एकबार फिर से न्यायपालिका पर हमला बोला है.उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कॉलेजियम सिस्टम से जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर  जमकर प्रहार करते हुए कहा कि कॉलेजियम सिस्टम लोकतंत्र के लिए काला धब्बा है. यह गैर प्रजातांत्रिक है.अपनी पार्टी द्वारा मंगलवार को एसकेएम हॉल में हल्ला बोल, दरवाजा खोल अभियान में उन्होंने न्यायपालिका पर यह हमला बोला. कुशवाहा ने इस कार्यक्रम के तहत न्यायिक व्यवस्था का लोकतंत्रीकरण विषय पर आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन किया .उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का सम्मान लगातार घट रहा है, जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है.

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि  इस मसले पर पार्टी सभी राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिख कर समर्थन मांगेगी.उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चारों स्तंभ में न्यायपालिका को सबसे अधिक सम्मान प्राप्त है. इसलिए जिम्मेदारी भी अधिक होनी चाहिए मगर, स्थिति विपरीत है. देश में चाय बेचने वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री और अखबार बेचने वाला राष्ट्रपति बन सकता है, लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं बन सकता. कॉलेजियम सिस्टम के कारण प्रतिभा प्रभावित हो रही है.

कुशवाहा ने कहा कि  एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग ही नहीं बल्कि गरीब सवर्ण भी जज नहीं बन सकते. राष्ट्रपति भी न्यायपालिका में एससी, एसटी, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं. संविधान बनाने के समय भी जजों की नियुक्ति और अधिकार के सवाल पर चर्चा हुई थी और संविधान सभा में बाबा साहब ने कहा था कि जज में भी हमलोगों की तरह भावनाएं होती है, ऐसे में उनको अधिकार देना खतरनाक होगा.उन्होंने कहा कि सरकार न्यायापालिका की व्यवस्था में सुधार करने का प्रयास कर रही है, लेकिन कोर्ट द्वारा सरकार के निर्णय में अड़चन पैदा कर दी जाती है.

कुशवाहा ने देश के विभिन्न राज्यों की राजधानी में हल्ला बोल, दरवाजा खोल कार्यक्रम आयोजित करने का एलान करते हुए कहा कि  लोगों को कॉलेजियम सिस्टम के दुष्परिणाम की जानकारी दी जाएगी.उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति में सुधार को लेकर मसौदा तैयार करेगी.

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