संकट में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार, शिवसेना के अब्दुल सत्तार ने दिया मंत्री पद से इस्तीफा.
सिटी पोस्ट लाइव : महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस की गठबंधन सरकार में पहले महीने ही बड़ा बवाल शुरू हो गया है.कैबिनेट विस्तार के महज 5 दिन बाद ही शिवसेना कोटे से मंत्री बने अब्दुल सत्तार ने पद से इस्तीफा दिया है.राज्य मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल किए गए अब्दुल सत्तार कैबिनेट मंत्री का दर्जा मांग रहे थे.शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की नाराजगी की खबरों के बीच पार्टी को यह दूसरा बड़ा झटका है
अब्दुल सत्तार की मांग थी कि उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया जाए. अभी सीएम उद्धव ठाकरे ने सत्तार का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है. माना जा रहा है कि उन्हें उनकी पसंद का मंत्रालय देकर मनाया जा सकता है.सूत्रों के मुताबिक, सत्तार महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार के बाद से ही नाराज चल रहे थे. उन्हें उम्मीद थी कि कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्हें राज्य मंत्री की शपथ दिलवा दी गई. इससे नाराज सत्तार ने मंत्री पद ही छोड़ दिया, हालांकि वह अब भी शिवसेना के विधायक हैं.
अब्दुल सत्तार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना में शामिल हुए थे. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान सत्तार को ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने के आरोप में निष्कासित कर दिया था. कांग्रेस ने जालना और औरंगाबाद में जिन लोगों को लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया था, उनसे सत्तार नाखुश थे. उन्होंने औरंगाबाद लोकसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार हर्षवर्धन जाधव को अपना समर्थन दिया था. इसके बाद तब सिल्लोड विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री अब्दुल सत्तार को कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया था.
मराठवाड़ा में औरंगाबाद के जमीनी नेता के रूप में अब्दुल सत्तार की पहचान रही है. इन दिनों महाराष्ट्र में जिला परिषद के चुनाव हो रहे हैं और जिला परिषद अध्यक्ष पद पर अब्दुल सत्तार अपने उम्मीदवार को जिताना चाहते हैं. हालांकि, महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल शिवसेना, एनसीपी और काग्रेंस में सहमति बनी है कि जिला परिषद अध्यक्ष का पद कांग्रेस को दिया जाए. सत्तार अघाड़ी के इस फैसले से भी नाराज हैं.
अब्दुल सत्तार नहीं चाहते कि औरंगाबाद में कोई कांग्रेसी जिला परिषद का अध्यक्ष बने. औरंगाबाद जिला परिषद में शिवसेना के पास इतना संख्या बल है कि वह अपना अध्यक्ष बना सकती है. खबर है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मराठवाड़ा के बड़े नेता अर्जुन खोतकर को अब्दुल सत्तार को मनाने के लिए भेजा है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के शपथ लेने के बाद भी मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का मामला सुलझता नहीं दिख रहा है. मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर एनसीपी और कांग्रेस में ठन गई है. एनसीपी और शिवसेना अपने कोटे से एक भी मंत्री पद कांग्रेस से अदला-बदली करने के लिए तैयार नहीं है. एनसीपी और कांग्रेस नेताओं के बीच जारी विवाद के कारण दोनों दलों के नेता बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए. यहां तक कि एक मीटिंग के दौरान अशोक चव्हाण और अजित पवार के बीच काफी बहस तक हो गई.नाराज होकर अजित भी बैठक से बाहर निकल गए.
शिवसेना के सीनियर लीडर और प्रवक्ता संजय राउत की नाराजगी की खबरों के बीच सत्तार ने पार्टी को दूसरा बड़ा झटका दिया है. सूबे में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनवाने में राउत की अहम भूमिका रही. सूत्रों के मुताबिक, वह अपने भाई सुनील राउत को महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल करवाना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कहा जा रहा है कि राउत इसी वजह से नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे.