सिटी पोस्ट लाइव डेस्क : “‘आप विजय माल्या को गाली देते हैं. लेकिन कौन है विजय माल्या? वह एक कुशल (स्मार्ट) व्यक्ति है. उसने कुछ बुद्धिमान लोगों को काम पर रखा और फिर बैंकों, राजनीतिज्ञों, सरकार… को अपने प्रभाव में लिया. ऐसा करने (स्मार्ट बनने से) से आपको कौन रोकता है? आदिवासियों से किसने कहा है कि सिस्टम पर अपना प्रभाव मत दिखाओ. आपको किसने रोका है कि आप बैंकों को प्रभावित मत करो”ये पाठ भारत सरकार के जनजातीय कल्याण मंत्री जुएल ओराम आजकल आदिवासियों को पढ़ा रहे हैं. उन्हें विजय माल्या जैसा फ्रॉड करने की सलाह दे रहे हैं.
जनजातीय कल्याण मंत्री जुएल ओराम ने अनुसूचित जाति और जनजातियों को सफल उद्यमी बनने और बैंक से ऋण लेने के लिए पहले स्मार्ट बनने के लिए विजय माल्या की तरह बनने की सलाह देकर सबको चौंका दिया है. उन्होंने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या का उदहारण देते हुए हैदराबाद राष्ट्रीय जनजातीय उद्यमी कॉन्क्लेव 2018 में कहा कि विजय माल्या ने गलत कामों में फंसने से पहले अपने बिजनेस को सफल बनाया था. उसकी उस सफलता से प्रेरित होना चाहिए.
लेकिन जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो बाद में मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि वे गलती से माल्या का नाम बोल गए. वे किसी और का नाम लेना चाहते थे. गौरतलब है कि विजय माल्या पर भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है. मार्च 2016 में वह लंदन चला गया था. भारत ने उसे भगोड़ा करार दिया है. उसे देश में वापस लाने की प्रक्रिया जारी है. इस सम्मेलन में उन्होंने आदिवासियों को बताया कि अगर आदिवासी होने का कुछ नुकसान है, तो इसके कुछ फायदे भी हैं. जैसे आदिवासियों के लिए शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सुविधा है. वे इसका लाभ उठा कर अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं.अगर उससे भी बात नहीं बने तो विजय माल्या की तरह लाखों करोड़ का बैंकों को चूना लगाकर अपनी किस्मत चमका सकते हैं.