सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना की रोकथाम के लिए अब सरकार ने गांव-गांव में वैक्सीनेशन के लिए कोरोना टीका-एक्सप्रेस चलाने की योजना बनाई है. यानी गांव में लोगों को कोरोना का टीका लगवाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर नहीं जाना पड़ेगा. 45 साल या उससे ऊपर के लोग टीका एक्सप्रेस के पास पहुंचकर कोरोना वैक्सीन ले सकेंगे.पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर सिविल सर्जन पटना डॉ विभा कुमारी सिंह ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है. सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिशा निर्देश भी दे दिया है कि चलंत रथ के माध्यम से 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को टीका कैसे देना है और लक्ष्य क्या रहेगा. इसके लिए प्रत्येक प्रखंड में एक- एक चलंत वाहन मंगलवार से काम करेंगे.
कोरोना टीका लगाने वाली इस मोबाइल टीम यानी चलंत वाहन की सुविधा शुरू होने से गांवों में 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाने के लिए न स्लॉट का टेंशन रहेगा और न ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की झंझट होगी. लोग ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन होते ही टीका लगवा सकेंगे. प्रशासन का मानना है कि मोबाइल वैन के जरिये एक तरफ गांवों में लोगों का टीकाकरण हो सकेगा, साथ ही सेशन साइट की संख्या भी बढ़ेगी. इस काम के लिए आशा, एएनएम, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक और प्रखंड प्रोग्राम प्रबंधक जीविका को ट्रेनिंग भी दी गई है.
मोबाइल टीका वैन को प्रतिदिन कम से कम 200 लोगों को टीका देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके अलावा यह वैन कोरोना टेस्ट भी करेगी. लोगों को कोरोना जांच के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. कोरोना जांच के लिए हर ब्लॉक में एक-एक चलंत वाहन और शहरी क्षेत्र में 7 चलंत वाहन दिए गए हैं. पटना जिला प्रशासन के मुताबिक अगले दो दिनों में जिले में कुल 30 चलंत वाहन से कोरोना की जांच हो सकेगी. जिलाधिकारी की माने तो सुदूर इलाकों में आज भी लोग टेस्टिंग कराने से कतरा रहे हैं और केंद्र तक नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में चलंत वाहन लोगों की मदद करेगा.