दुमका में तीन हार्डकोर नक्सलियों ने हथियार के साथ किया आत्मसमर्पण

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दुमका में तीन हार्डकोर नक्सलियों ने हथियार के साथ किया आत्मसमर्पण

सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: आत्मसमर्पण एवं पुर्नवासी नीति के तहत भाकपा माओवादी संगठन के तीन हार्डकोर इनामी नक्सलियों ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण किया। इनमें पांच लाख का इनामी राजेंद्र राय उर्फ झिलमिल उर्फ गहना राय, रिमिल दा उर्फ रिमिल हेम्ब्रम उर्फ सोकुल दा एवं एक लाख का इनामी छोटा श्यामलाल देहरी उर्फ संतु उर्फ श्यामा देहरी है। आत्मसमर्पण करने पहुंचे नक्सली राजेंद्र राय राइफल, रिमिल हेम्ब्रम रायफल एवं छोटा श्यामलाल देहरी ने एक पिस्टल सुपुर्द किया।

नक्सलियों ने एसएसबी आईजी संजीव कुमार, संतालपरगना प्रमंडल के डीआईजी राजकुमार लकड़ा, डीसी राजेश्वरी बी एवं एसपी वाई एस रमेश के समक्ष एसपी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया। नक्सली संगठन में सब जोनल सदस्य राजेंद्र मूलरूप रूप से जिले के नक्सल प्रभावित काठीकुंड थाना क्षेत्र के आसनबनी गांव निवासी है। वर्ष 2015 में बेरोजगारी से तंग आकर संगठन द्वारा प्रलोभन पर शामिल हुआ था। जिले के गोपीकांदर रामगढ़ एवं काठीकुंड थाना क्षेत्र में आगजनी, हत्या सहित विभिन्न नक्सली घटनाओं को अंजाम देने के आरोप में आरोपित है। नक्सली रिमिल दा उर्फ सोकुल दा नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के जोलजंगल सीतासाल गांव निवासी है। छोटो श्यामलाल देहरी मूलरूप से काठीकुंड थाना क्षेत्र सरूवापानी गांव के पहाड़िया टोला निवासी है।

आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति के तहत मिलेंगे पांच लाख और आवास

आत्मसमर्पण नीति के तहत इनामी नक्सलियों को पांच लाख का चेक प्रदान किया गया। हथियार जमा करने को लेकर अतिरिक्त 15 हजार भुगतान किया गया। तत्काल एक लाख नगद दिया गया। पुर्नवास पैकेज के तहत 4 डिसमील जमीन, पीएम आवास योजना का लाभ, व्यसायिक प्रशिक्षण के लिए एक वर्ष के लिए 6 हजार रूपए प्रतिमाह भुगतान, परिवार की निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था, बच्चों की शिक्षा को लेकर 40 हजार रुपये प्रतिवर्ष, बेटियों की शादी पर 30 हजार, स्व रोजगार के लिए 4 लाख तक का ऋण, 5 लाख का जीवन बीमा, परिवार का सामूहिक बीमा एक लाख, खुला जेल सह पुर्नवास केंद्र की सुविधा दी जायेगी।

नक्सलियों की कमर टूटीः आईजी, एसएसबी

एसएसबी आईजी संजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नक्सलियों की कमर तोड़ दी गई है। नक्सली गतिविधियों को काफी हदतक काबू पा लिया है। प्रारंभ से ही एसएसबी व जिला पुलिस के संयुक्त अभियान में सफलता मिली है। एसएसबी ने कहा कि चुनी हुई सरकार को चुनौती देना नक्सलियों का खास मकसद रहा है। जिला प्रशासन के साथ मिलकर नियंत्रण का दायित्व दिया गया था। प्रशासन आत्मसमर्पण के लिए लगातार प्रयास करती रही।

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