सिटी पोस्ट लाइव –रविवार को पटना के रवीन्द्र भवन में चंपारण सत्याग्रह में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रथम शिष्य मुकुटधारी प्रसाद चौहान की 121 वी जयंती समारोह में उनका स्वागत चांदी का मुकुट पहना कर किया गया। इससे पहले 21 अप्रैल को मोकामा में आयोजित एक यज्ञ समारोह में उनका स्वागत सोने के मुकुट को पहनाकर की गई थी।
तेजस्वी को जब सोने का मुकुट पहनाया गया था उस समय जदयू के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा था-‘ घोर कलियुग, अनुकम्पा पर पद तो पा लिया, पर आदत नहीं बदली। सुना है, यज्ञ में आम लोग सहयोग करते हैं, पर राजकुमार ने यज्ञ से भी सोना का मुकुट लाया।’ अब भाजपा के प्रवक्ता प्रेमचंद पटेल ने कहा है कि तेजस्वी यादव का सामाजिक जीवन और राजनीतिक जीवन में कोई योगदान नहीं रहा है। वे एकमात्र खासियत यह है कि वे लालू प्रसाद के पुत्र हैं। उनके काम करने का तरीका राजकुमार वाला है। वे सोना- चांदी का मुकुट पहन कर राजकुमार वाली छवि दिखा रहे हैं। उन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी की चाहत रहती है। कहा कि वे खुद से राजमुकुट पहन लें पर जनता कभी मुकुट नहीं पहनाने वाली।
रविवार को पटना के रवीन्द्र भवन में मुकुटधारी प्रसाद चौहान के द्वारा देश की आजादी में उनके योगदान और संघर्षों पर आधारित पुस्तक मुकुट दर्पण का लोकार्पण नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने किया। इस अवसर पर तेजस्वी ने कहा कि देश की आजादी में मुकुटधारी प्रसाद के योगदान और संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर जंगे आजादी की जो लड़ाई लड़ी, उस चंपारण सत्याग्रह के मामले में इनके कृत्य और योगदान को राज्य सरकार ने भुला दिया और संघर्षों को लोगों तक पहुंचने ही नहीं दिया जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि राज्य सरकार की मंशा इनके प्रति और समाज के प्रति क्या रही है इसे समझने की आवश्यकता है क्योंकि आज भी बेबसी ,गरीबी, लाचारी और सरकार के द्वारा इनके साथ बरती जा रही लापरवाही से स्पष्ट होता है कि इनके लिए कोई काम सरजमीन पर नहीं हो रहा है।
इन्होंने नोनिया समाज के 10 सूत्री मांगों को पूरा कराने के लिए हर स्तर पर सहयोग और संघर्ष में साथ देने का वादा किया। कहा कि राज्य सरकार अति पिछड़ा समाज के लिए सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाती है समाज के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कहीं कोई कार्य नहीं कर रही है । जबकि लालू सरकार के कार्यकाल मे लोगों को सामाजिक न्याय के तहत जबान दिया और उसे पहचान दी। गत विधानसभा चुनाव में नोनिया जाति को सबसे अधिक प्रतिनिधित्व देने के लिए टिकट दिए और बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया ।