सिटी पोस्ट लाइव : आज से गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू हो गये हैं.अगर कोई भी ज्वेलर बिना हॉलमार्किंग के गोल्ड ज्वेलरी बेचता पाया गया तो उसे एक साल की जेल भी हो सकती है. साथ ही उस पर गोल्ड ज्वेलरी की वैल्यू की 5 गुना तक पेनल्टी भी लगाई जा सकती है. गोल्ड हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का सर्टिफिकेट है, आज से सभी ज्वेलर्स को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड की बिक्री की इजाजत होगी. BIS अप्रैल 2000 से गोल्ड हॉलमार्किंग की स्कीम चला रही है, आज की तारीख में करीब 40 परसेंट गोल्ड ज्वेलरी हॉलमार्किंग वाली है. ज्वेलर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन और ऑटोमैटिक कर दिया गया है. World Gold Council के मुताबिक भारत में करीब 4 लाख ज्वेलर्स हैं. उसमें से 35,879 BIS सर्टिफाइड है.
ऐसा नहीं है कि देश में गोल्ड हॉलमार्किंग वाले गहने अभी नहीं बिकते हैं, लेकिन उन पर अभी कोई अनिवार्यता लागू नहीं है, बल्कि कई बड़े ज्वेलर्स खुद ही गोल्ड हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी बेच रहे हैं. एक बार नियम लागू होने के बाद सभी ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग वाली ही ज्वेलरी बेचनी होगी. सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू करने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था, जिसकी कमान ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के डायरेक्टर जनरल प्रमोद तिवारी को दी गई है. जिनका काम नियमों को लागू करवाने में जो भी दिक्कतें आएं उन्हें दूर करना है.
केंद्र सरकार ने नवंबर 2019 में गोल्ड ज्वेलरी और कलाकृतियों के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग नियमों का ऐलान किया था, इन नियमों को जनवरी 2021 से पूरे देश में लागू किया जाना था. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ज्वेलर्स ने सरकार से मोहलत मांगी और डेडलाइन बढ़ती चली गई. 1 जून तक गोल्ड हॉलमार्किंग की डेडलाइन को 4 बार बढ़ाया जा चुका था, इसके बाद फिर इसे 15 जून तक बढ़ा दिया गया, यानी अबतक कुल 5 बार इसे लागू करने की डेडलाइन बढ़ाई जा चुकी है.गोल्ड हॉलमार्किंग नियम लागू होने से गोल्ड हॉलमार्किंग के फैसले का घर में रखे सोने की ज्वेलरी पर कोई फर्क नहीं होने वाला है. वो आसानी से रख सकते हैं. पुरानी ज्वैलरी बिक्री करने पर कोई असर नहीं होगा. वो उसे ज्वैलर्स के यहां बेच सकते हैं. लेकिन, ज्वैलर्स अब बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच पाएगा.