सिटी पोस्ट लाइव : पिछले साल पूर्व डीजीपी अभयानंद और गणितज्ञ आनंद कुमार दोनों द्वारा सुपर-30 बैच संचालित नहीं किये जाने का असर दिखाई दे रहा है.इस साल सुपर-30 का कोई भी छात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में नहीं होगा. रितिक रोशन स्टारर फिल्म ‘Super-30’ फेम आनंद कुमार पिछले दो साल से सुपर-30 बैच नहीं चला रहे हैं. पूर्व डीजीपी ने पिछले साल खुद को अभयानंद सुपर-30 से अलग कर लिया था. सुपर-30 की स्थापना 2002 में की गई थी. बाद के वर्षों में आनंद कुमार और अभयानंद अलग हो गए थे.
आनंद कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बैच नहीं बना पाया था. जितने भी बच्चे संपर्क में आए उन्हें आनलाइन पढ़ाने का प्रयास किया. मार्च, 2022 में नए सिरे से बैच प्रारंभ किया जाएगा. पूर्व डीजीपी ने बताया कि अभयानंद सुपर-30 के बंद होने के बाद भी वे विभिन्न सेंटरों को मेंटरशिप दे रहे हैं. रहमानी सुपर-30, मगध सुपर-30 सहित 22 से अधिक सीएसआर के तहत संचालित सेंटर को मेंटरशिप दे रहे हैं. इन सेंटरों से इस बार भी 300 से अधिक बच्चे जेईई एडवांस में सफल हुए हैं.
कारपोरेट समाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत देश में चलाए जा रहे 21 सेंटरों में जेईई एडवांस में सफलता की दर पिछले साल की तुलना में बढ़ी है. 2019-20 में 621 छात्र जेईई एडवांस में शामिल हुए, जिसमें 302 सफल हुए थे. सफलता की दर 48.6 फीसद था. 2020-21 में 599 अभ्यर्थी एडवांस में शामिल हुए हैं, जिसमें 328 सफल हुए हैं. इस बार सफलता की दर 54.8 फीसद है. इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) द्वारा पटना में सीएसआर के तहत संचालित सेंटर में पिछले साल 14 छात्र एडवांस में शामिल हुए थे जिसमें चार ने क्वालीफाई किया था. इस बार इस सेंटर से कोई भी बच्चा जेईई में शामिल नहीं हुआ.
पटना स्थित सुपर-30 की तर्ज पर आयल इंडिया लिमिटेड द्वारा सीएसआर के तहत अभयानंद की मेंटरशिप में जोधपुर में खोले गए सेंटर का रिजल्ट इस बार भी देश में शीर्ष पर है. जेईई एडवांस में 30 ब’चे शामिल हुए, इनमें 29 ने क्वालीफाई किया है. पिछले साल 30 में 28 क्वालीफाई हुए थे. गेल द्वारा कानपुर में चलाए जा रहे सेंटर के 99 ब’चे एडवांस में शामिल हुए, जिसमें 79 क्वालीफाई किए. पिछले साल इस सेंटर के 98 ब’चे एडवांस में शामिल हुए थे, जिसमें 68 क्वालीफाई हुए थे.