सिटी पोस्ट लाइव : देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तो कंट्रो में आ रहा है लेकिन इस बीच डेल्टा प्लस वैरिएंट के 20 मरीज सामने आ जाने से सरकार की नींद उड़ गई है. अभी तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के आठ मरीज महाराष्ट्र के रत्नागिरी से मिले हैं. डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब और मध्यप्रदेश से सामने आये हैं. डेल्टा कोरोना का बहुत ही संक्रामक वैरिएंट है. यही म्यूटेशन करके डेल्टा प्लस में बदल गया है. इस वैरिएंट को लेकर विश्व के एक्सपर्ट चिंता में है. कारण यह है कि यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम को धोखा देकर शरीर में प्रवेश कर रहा है और यह ब्रेक थ्रू इंफेक्शन का भी कारण बन रहा है. विश्व में जो वैक्सीन अभी उपलब्ध हैं और जो लोगों को दिये जा रहे हैं उनके बारे में यह दावे से नहीं कहा जा सकता है कि वे डेल्टा प्लस वैरिएंट पर कारगर होंगे.
नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल के निदेशक डॉ सुजीत सिंह के अनुसार देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के के जो केस सामने आये हैं उनका अध्ययन किया जा रहा है .यह पता लगाया जा रहा है कि क्या यह वैरिएंट देश में मार्च-अप्रैल महीने से ही मौजूद है? यह वैरिएंट यूरोप में मार्च महीने में ही सामने आया था, लेकिन 13 जून को इसे प्रकाश में लाया गया. डॉ सुजीत सिंह ने बताया कि अभी इसपर अध्ययन किया जा रहा है. देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट छह केस सात जून तक सामने आया था. महाराष्ट्र में अभी डेल्टा प्लस के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. मई में 50 सैंपल जिनोमी सिक्वेसिंग के लिए भेजे गये थे.
डेल्टा वैरिएंट का म्यूटेशन होकर डेल्टा प्लस बना है. डेल्टा प्लस म्यूटेशन, K417N वायरस को कुछ हद तक पॉजिटिवटी के मामले में बदल सकता है .अगर ऐसा हुआ तो यह भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है, हालांकि अभी यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि यह कितना संक्रामक होगा. K417N म्यूटेशन इंसान के इम्यून सिस्टम से बचकर शरीर में प्रवेश कर सकता है और यह भी कहा जा रहा है कि इसपर कोरोना की वैक्सीन और दवाइयां भी कुछ खास असर नहीं कर पा रही हैं. मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भी इस वायरस पर बेकार साबित हो रहा है.