Corona की तीसरी लहर बेहद खतरनाक, इलाज के लिए नहीं मिलेगा समय.

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर के शांत होने का इंतज़ार कर रहे लोगों के लिए एक बुरी खबर है.दूसरी लहर के शांत होने के बाद जो तीसरी लहर आ रही हैं, वह और भी ज्यादा जानलेवा होगी. तीसरी लहर का संकट भी देश के सामने खड़ा हो गया है. तीसरी लहर में वायरस दो से तीन में ही मरीज को गम्भीर हालत में पहुंचा देगा और डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने तक का भी समय नहीं देगा.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि जिस तरह से देश में संक्रमण फैल रहा है, उससे ये स्पष्ट है कि इस वायरस की तीसरी लहर भी आएगी. ये लहर कब आएगी और कितने समय के लिए आएगी, इसके बारे में अभी पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता लेकिन आपको तीसरी लहर के लिए तैयार हो जाना चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे समुद्र में लगातार ऊंची लहरें उठने के बाद जहाज के कैप्टन, Crew Members और उसमें बैठे लोग सावधान हो जाते हैं. सरल शब्दों में कहें तो आप अपने परिवार को एक जहाज में सवार समझिए और ये मान लीजिए कि ये महामारी एक समुद्र की तरह है और कोरोना वायरस की लहरें उसमें काफी ऊपर तक उठ रही हैं. अगर आपको अपने जहाज को डूबने से बचाना है तो आपको सतर्क रहना होगा और तैयार रहना होगा.

कोरोना वायरस की तीसरी लहर क्यों आ सकती है? इसके कुछ कारण हैं. सबसे पहले आपको उन्हीं के बारे में बताते हैं. इस समय भारत में वारयस के कई वेरिएंट एक्टिव हैं और ये वेरिएंट अलग अलग राज्यों और क्षेत्रों में संक्रमण फैला रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक है Double Mutant वायरस, जिसे वैज्ञानिकों ने B.1.617 नाम दिया है. ये वेरिएंट भारत में ही बना है. अब तक देश में कोरोना का UK वेरिएंट, ब्राजील वेरिएंट, दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट और अमेरिका का भी एक वेरिएंट मिल चुका है. इसके कई और वेरिएंट की पहचान अलग-अलग राज्यों में हुई है. इनमें जो वेरिएंट सबसे ज्यादा चर्चा में है, उसे लोग आन्ध्र प्रदेश वेरिएंट कह रहे हैं. हालांकि ये वेरिएंट अभी कुछ ही इलाकों में सीमित है.

डॉक्टरों द्वारा की गई स्टडी में कहा गया है कि ये वेरिएंट अभी वायरस के नए नए स्ट्रेन बना रहे हैं, जिससे वायरस कई रूप लेकर लोगों पर हमला कर सकता है और इतने सारे वेरिएंट्स की वजह से ही देश में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. समझने वाली बात ये है कि जब कोरोना की पहली लहर आई थी तो वायरस 10 दिनों में Lungs को खत्म कर देता था. दूसरी लहर में ये समय अवधि घट कर 5 से 7 दिन हो गई और ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में तो ये 2 से 3 दिन भी हो सकती है. यानी तीसरी लहर में वायरस दो से तीन में ही मरीज को गम्भीर हालत में पहुंचा देगा और डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने तक का भी समय नहीं देगा.

वायरस के जिस अवतार को आन्ध्र प्रदेश वेरिएंट कहा जा रहा है, वो ऐसा ही करता है. ये वेरिएंट 2 से 3 दिन में ही मरीज को ICU Bed पर पहुंचा देता है और फिर उसकी जान लेता है. यही नहीं ये बाकी वेरिएंट से 15 गुना ज्यादा संक्रामक है. इसीलिए हम आपसे कह रहे हैं कि अब आपको ज्यादा सावधानी बरतनी होगी और मास्क तो आपको बिलकुल नहीं हटाना है. कुछ अध्ययन में इस बात की आशंका जताई गई है कि पहली लहर में वायरस ने बुज़ुर्गों पर अटैक किया, दूसरा लहर में ये युवाओं को ज्यादा प्रभावित कर रहा है और तीसरी लहर में ये बच्चों के लिए खतरनाक बन सकता है. इसलिए अब हर परिवार को कुछ बातें ध्यान रखनीं चाहिए.

अध्ययन में ये आंकलन किया गया है कि अगर 18 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन हो गया तो छोटे बच्चों को वायरस ज्यादा अटैक करेगा और 6 से 12 साल के बच्चों को ये गम्भीर नुकसान भी पहुंचा सकता है. यानी इस उम्र के बच्चों की ये जान भी ले सकता है.अमेरिकी कम्पनी फाइजर ने  बच्चों के लिए वैक्सीन बना ली है और कनाडा में तो 12 साल से ऊपर के बच्चों पर इसके इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल गई है. भारत में तीसरी लहर बेहद करीब है जबकि बच्चों के लिए जल्द वैक्सीन आने की सम्भावना बहुत कम है.

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