कोरोना से मरनेवालों के परिजनों को नहीं मिल पा रहा मुवावजा, जानिये क्या है अड़चन.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना से मरनेवाले लोगों के परिजनों के लिए सरकार द्वारा घोषित चार लाख रुपए का मुआवजा लेना मुश्किल हो गया है.सरकार के अनुसार  इसके लिए आरटीपीसीआर या एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव होना अनिवार्य है. जो लोग  कोरोना के कारण दुनिया से चले गए उनके परिजन मुवावजे के लिए भटक रहे हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों के पास कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट नहीं है. पटना सिविल सर्जन ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ही मुआवजा दिया जा सकता है. मुआवजे के लिए आरटीपीसीआर या एंटीजन की रिपोर्ट पॉजिटिव होनी जरूरी है.

राज्यभर में कोरोना से हुई मौतौं की समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने कमेटी बनाई है. लेकिन इस कमेटी को भी पॉजिटिव रिपोर्ट  चाहिए तभी मौतों की गिनती होगी. जिला स्तर पर सिविल सर्जन, एसीएमओ व सिविल सर्जन की ओर से नामित एक डॉक्टर रहेंगे. अस्पतालों के लिए प्राचार्य, अधीक्षक, सुप्रीटेंडेट व मेडिसीन विभाग के एचओडी मौतौं के आंकड़े की जांच करेंगे. ये टीमें पांच जगहों से मौतों की सूचना एकत्रित करेंगी. इनमें होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर, डीसीएचसी व डीसीएच और अन्य तरीके शामिल हैं. निजी अस्पतालों में हुई मौतौं की भी समीक्षा की जाएगी. 10 दिन के अंदर इन टीमों को मौतौं के बारे में रिपोर्ट देनी है.

वैसे लोग ज्यादा परेशान हैं जिनके एंटीजन और आरटीपीसीआर रिपोर्ट में कोरोना निगेटिव है लेकिन सीटी स्कैन में कोरोना की पुष्टि हुई है. मौत के एक माह बाद भी उनके परिजनों को मुआवजा नहीं मिला है.अधिकारियों का कहना है कि मुआवजे के लिए आरटीपीसीआर या एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव होना जरूरी है.

पीएमसीएच ने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में नाम में गलती कर दी जिससे परिजनों को अलग परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिनकी मौत  निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई है. कोरोना के सभी लक्षण थे, लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं है. परिजनों ने बताया कि अस्पताल ने आरटीपीसीआर जांच नहीं कराई लेकिन अब आरटीपीसीआर पॉजिटिव की रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से मांगी जा रही है. 19 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी. उनके भाई प्रेमप्रकाश ने बताया कि इलाज से लेकर दाह संस्कार तक कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक हुआ है लेकिन अब कहा जा रहा है कि बिना रिपोर्ट मुआवजे की फाइल आगे नहीं बढ़ेगी.

रक्तदान के लिए जाने जानेवाले मीडियाकर्मी जैनेंद्र ज्योति की 22 सितंबर 2020 को रूबन अस्पताल में मौत हो गई थी. अस्पताल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र में कोविड न्यूमोनिया समेत कोरोना से उभरी समस्याओं को मौत का कारण लिखा. परिजन सिविल सर्जन कार्यालय में मुआवजा के संबंध में आवेदन के लिए पहुंचे तो कहा गया कि मौत के दिन कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट लाइए. परिजनों के अनुसार जैनेंद्र का इलाज कोविड मरीज के रूप में प्रोटोकॉल के तहत ही किया जा रहा था, लेकिन सिविल सर्जन खुद कह रहीं कि मौत के समय का पॉजिटिव रिपोर्ट रहे तभी मुआवजा मिलेगा.

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