सिटी पोस्ट लाइव: बिहार के जिलों में भारी बारिश के कारण नदियां उफान आई है. लगातार अपने लाल निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, बढ़ते गंगा के जलस्तर के कारण शेखपुरा जिले के घाटकोसूम्भा के हरोहर नदी उफान पर है और यहां के दस गांव की परेशानी काफी बढ़ गयी है लेकिन, अधिकारियों के द्वारा अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. ग्रामीण बताते हैं कि गंगा का जल स्तर बढ़ गया है जिससे हरोहर नदी भी उफान पर है और लगातार जल स्तर बढ़ रहा है इसलिए पशुओं को अब सड़क पर बांध कर रखना बेबसी बन गया है.
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि न रहने को ठिकाना है और न सोने को घर. ऐसी स्थिति में प्रभावित गांव के ग्रामीण सड़क पर बसेरा लेने को विवश हो गए हैं और अपनी पशुओं को सड़क पर बांधकर रख रहे है. साथ ही ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पशुपालन विभाग भी पशुओं की सुरक्षा के लिए कोई बेहतर कदम नहीं उठा रहा है जबकि सभी ग्रामीण भी इस जलस्तर से काफी परेशान है.
वहीं, इस मामले में स्थानीय ग्रामीण पुरुषोत्तम कुमार बताते हैं कि, जानवरों को चारा के लिए चारा का कोई व्यवस्था नहीं है. घर में भी हरोहर नदी का पानी प्रवेश कर चुका है, ऐसे में हम ग्रामीण पशुओं को सड़क पर बांधकर रख रहे है. लेकिन, जल स्तर बढ़ने के बाद पशुपालन विभाग अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है न ही जानवरों की सुरक्षा को लेकर बेहतर पहल किया जा सका है. वहीं, स्थानीय ग्रामीण सुरेंद्र प्रसाद ने बताया है कि सीओ साहब के द्वारा आस्वासन मिला है और जानवरों की सुरक्षा को देखते हुए अभी तत्काल सड़क पर ही जानवर रखने की सलाह दी गयी है.
वहीं, जब इस सम्बंध में पशुपालन विभाग के अधिकारी विनय कुमार चन्द्रयान सब जब मीडिया की टीम ने सवाल किया तो पशुपालन पदाधिकारी ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लगातार लिया जा रहा है और जानवरों को दिक्कत न हो इसके लिए पशुपालन विभाग की मेडिकल टीम लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रही है और उचित इलाज भी मुहैया कराया जा रहा है. साथ ही अधिकारी ने दस गांव में जल स्तर बढ़ने से परेशानी होने की बात भी कही है.
बहरहाल, हर वर्ष घाटकोसूम्भा में गंगा का जल स्तर बढ़ने से हरोहर नदी उफान पर आ जाती है और यहां का पूरा इलाका प्रभावित भी हो जाता है. लेकिन, इस वर्ष अब तक पानापुर, भदौसी, डीह कोसुम्भा और माफो पंचायत का दस गांव में जलस्तर बढ़ने से लोग प्रभावित है. लेकिन, अभी तक जिला प्रशासन इनके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. जरूरत है कि जिला प्रशासन इन ग्रामीणों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराए जाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाये ताकि हर वर्ष जल स्तर में बढ़ोतरी की समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाया जा सके.
शेखपुरा से धीरज सिन्हा की रिपोर्ट