सिटी पोस्ट लाइव: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों बिहार की राजनीति में कोरोना को लेकर काफी आक्रोश में दिख रहे हैं. वहीं, इससे जुड़े कई मामलों में एक के बाद एक सीएम को पत्र लिख रहे हैं. इसी क्रम में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तीसरा पत्र लिखा लिखा. इस पत्र के जरिये उन्होंने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकार छिनने का आरोप सरकार पर लगाया गया है.
इस पत्र में उन्होंने लिखा कि, बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग को मिले वार्षिक बजट को तो खर्च नहीं कर पाती, तो फिर जिलों के लिए प्रावधानित मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की करीब 636 करोड़ रुपये की राशि कैसे खर्च कर पाएगी? साथ ही कहा कि, जब स्वास्थ्य विभाग की बड़ी राशि से सरकार पिछले 15 वर्षो में स्वास्थ्य सेवाओं की सुदृढ़ व्यवस्था नहीं कर सकी तो मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास की जबरन ली गई राशि से क्या आप सुदृढ़ स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित कर पाएंगे?
सभी माननीय विधायकों व विधानपार्षदों की मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि को बिहार सरकार द्वारा जबरन अपने कोष में जमा करने के संदर्भ में मुख्यमंत्री जी को तीसरा पत्र लिखा।
नीतीश सरकार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकार छिन, उनके क्षेत्रों को विकास से वंचित क्यों रखना चाहती है? pic.twitter.com/GqWmCABfa5
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 23, 2021
इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “सभी माननीय विधायकों व विधानपार्षदों की मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि को बिहार सरकार द्वारा जबरन अपने कोष में जमा करने के संदर्भ में मुख्यमंत्री जी को तीसरा पत्र लिखा। नीतीश सरकार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकार छिन, उनके क्षेत्रों को विकास से वंचित क्यों रखना चाहती है?” तेजस्वी यादव ने पत्र के दौरान सरकार को नसीहत भी दे डाली है कि, कागजी आंकड़ों के खेल से निकलकर सही नीति, नियम और नियत से ईमानदारी पूर्वक काम करने की जरूरत है.
बता दें कि, इससे पहले भी उन्होंने नीतीश कुमार को 2 पत्र लिखा था जिसके बाद सियासत गरमा गयी थी. तेजस्वी यादव ने कोरोना को लेकर बिहार की स्वास्थय व्यवस्था और कोरोना काल में लोगों की मदद करने को लेकर सरकार से अनुमति मांगी थी. साथ ही स्वास्थय व्यवस्था को लेकर कई सवाल भी खड़े किये गए थे.