सिटी पोस्ट लाइव : देश के जानेमाने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगातार अपने जन सुराज यात्रा पर हैं. अपनी यात्रा के 66वें दिन प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के चिरैया प्रखंड के गावं पहुंचे. उन्होंने नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार उतना बुरा नहीं है जितना सिस्टम में बैठे नेताओं ने बना रखा है. नेता ऐसा माहौल अपने निजी हित के लिए बनाए हुए हैं, ताकि उनको बंदूक वाले सरकारी गनमैन मिल सके.
पीके ने कहा कि वो पिछले 65 दिनों से बिहार के हर गली-मुहल्ले घूम रहे हैं.उन्हें किसी ने परेशान नहीं किया. सवाल है फिर जनता दूसरे नेताओं पर हमला क्यों कर रही है? ऐसा, इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने आम जनता से जो बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य पर जो वादा किया था उसे अब तक पूरा नहीं किया गया. उन्होंने आम जनता से वोट तो लिया पर उनका भला ना करके, अपने और अपने परिवारवालों का भला किया है, इससे ज्यादा कुछ नहीं.
प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रदेश के 60 प्रतिशत लोगों के पास अपनी जमीन नहीं है. मजदूरी से ही उनका घरबार चलता है. बिहार में जो खेती कर रहे हैं उनको सरकार की तरफ से यूरिया, पोटाश, बीज समय पर नहीं मिल रहा है. अगर किसी गांव में किसान अनाज उपजा भी रहे हैं तो उसकी कीमत बाजार में नहीं मिल रही है. जिन युवाओं को दुकान खोलना है उनके पास जमीन नहीं होने की वजह से लोन नहीं मिल पा रहा है. इसी कारण से बिहार के लोग दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर हैं.
पीके ने आरोप लगाया कि अब तक कोई भी पार्टियां गांव में किसी एक भी व्यक्ति से यह पूछने नहीं आये कि विधायक कौन होगा? क्योंकि अन्य पार्टियों ने आपके पास कोई विकल्प ही नहीं छोड़ा है. इसलिए मैं यहां जन सुराज के माध्यम से आप सबको समझाने आया हूं कि साथ दीजिए ताकि “मिलकर बनाओ और मिलकर चलाओ” वाली सरकार बने. वरना इतिहास रहा है कि नेता और दल का झंडा लेकर घूमने से बिहार की स्थिति ना बदली है ना बदलेगी.